विपक्ष के अधिकांश नेता उद्धाटन समारोह से दूर रहे
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi ने रविवार को वैदिक विधि विधान के साथ नए संसद भवन New Parliament House का लोकार्पण किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने लोकसभा स्पीकर की कुर्सी के पास राजदंड ‘सेंगोल’ की स्थापना की। उद्धाटन की पूर्व संध्या पर अधीनम के महंत ने मंत्रोचारण के बीच सुनहरा राजदंड (सेंगोल Sengol) प्रधानमंत्री को सौंपा।
नए संसद भवन के उद्धाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Narendra Modi ने भवन के निर्माण में लगे श्रमिकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व एवं उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति एवं शक्ति प्रदान करेगी।
नए संसद भवन की खासियत:
नया संसद भवन भारत के राष्ट्रीय फूल कमल और राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर डिजाइन किया गया है। इसमें एक साथ 1272 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है। लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 300 से ज्यादा सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। वर्तमान में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 240 सासंदों के बैठने की क्षमता है। त्रिभुज के आकार में बना यह संसद भवन चार मंजिल है। इसके तहत 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में निर्माण किया गया है।
नए संसद भवन में ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार व कर्म द्वार शामिल हैं। इसके निर्माण कार्य को टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने पूरा किया है। इसमें 120 ऑफिस हैं, जिसमें अलग-अलग मंत्रालयों के कार्यालय हैं। विजिटर्स गैलरी में 336 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
भवन के बीचो-बीच संविधान हाल का निर्माण किया गया है और इसके ऊपर के अशोक स्तम्भ स्थापित है। संसद भवन में मिर्जापुर से लायी गई कॉलीन का इस्तेमाल किया गया है। बांस की लकड़ी अगरतला से लायी गई है।
सेंगोल के बारे में जानें:
प्राचीनकाल में चोल साम्राज्य में जब नए राजा का राज्याभिषेक होता था तो सत्ता हस्तांतरण के समय राजदंड यानी सेंगोल दिया जाता था। चोल काल से सत्ता हस्तांतरण पर सेंगोल देने की प्रथा है।
20 विपक्षी दलों ने समारोह का किया बहिष्कार:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी सहित विपक्ष के 20 राजनीतिक दलों ने लोकार्पण समारोह का बहिष्कार किया, जबकि 25 दलों के नेताओं ने समारोह में भाग लिया।