मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा- 675 से अधिक किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का स्वागत किया है। मोर्चा ने इसे किसानों की ऐतिहासिक पहली जीत बताते हुए कहा है कि देश के किसानों के संघर्ष ने भारत में लोकतंत्र और संघीय राजनीति की बहाली का नेतृत्व किया है। मोर्चा ने आशा व्यक्त की है कि अन्य कई महत्वपूर्ण लंबित मांगे भी पीएम मोदी पूरी करेंगे। मोर्चा ने कहा कि इस आंदोलन में 675 से अधिक किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड की विशेष जांच टीम में आईपीएस अधिकारी पद्यजा चौहान के शामिल किए जाने पर चिंता व्यक्त की है। मोर्चा की दलील है कि न्यायालय के हस्तक्षेप का उद्देश्य निष्पक्षता स्थापित करना है। मोर्चा का कहना है कि इस अधिकारी का रिकॉर्ड किसानों के संघर्ष के खिलाफ रहा है।

एसकेएम ने उम्मीद जताई है कि मोदी सरकार किसानों की लाभकारी एमएसपी की गारंटी के लिए वैधानिक कानून सहित सभी जायज मांगों को पूरा करेगी। इस अवसर पर किसान संगठनों ने आंदोलन में शहीद हुए लगभग 675 किसानों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि वह इन साहसी शहीदों के लिए स्मारक का निर्माण करवाएगी।

मोर्चा के पदाधिकारी योगेंद्र यादव, बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ.दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा, युद्धवीर सिंह ने कहा कि आज गुरु पर्व के अवसर पर पूरा देश बाबा गुरु नानक देव जी की जयंती मना रहा है। प्रधानमंत्री की घोषणा से देशवासियों में खुशी का माहौल है। उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों और अत्याचार के खिलाफ बाबा नानक की सीख आंदोलन का मार्गदर्शन करती रहेंगी।
