यूपी80 न्यूज, लखनऊ
प्रदेश की योगी सरकार बार-बार दावा कर रही है कि प्रदेश में ‘सब चंगा’ है। किसी को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जमीन पर कुछ और ही हाल है। बजट की कमी की वजह से प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृति ही नहीं मिल रही है। यह मुद्दा उत्तर प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा के सामने बार-बार उठ रहा है। इस दौरान अध्यक्ष के सामने अधिकारी बजट की कमी का रोना रो रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राजेश वर्मा ने इस बाबत ‘हेल्प डेस्क सेंटर’ स्थापित करने का निर्देश दिया है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक आयोजित की गयी। बैठक में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं में आ रही समस्याओं पर चर्चा की गई।
बैठक के दौरान अध्यक्ष राजेश वर्मा ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि छात्रों की मदद के लिए एक हेल्प डेस्क सेन्टर की स्थापना की जाय, ताकि उन्हें छात्रवृत्ति की समस्त जानकारी सुगमता से प्राप्त हो सके। साथ ही, उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु निर्धारित अंकों का कटऑफ समाप्त कर अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों की भांति सभी पिछड़े वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ दिया जाए।
बैठक में अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूर्वदशम छात्रवृत्ति कक्षा 9 और 10 हेतु 1011871 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 862790 छात्रों को लाभान्वित किया गया तथा 1310 आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त कर दिये गये। दशमोत्तर छात्रवृत्ति / शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 965322 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 814817 छात्रों को लाभान्वित किया गया एवं 37431 आवेदन निरस्त किये गये। अन्य दशमोत्तर कक्षाओं से 1920458 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1544887 छात्रों को छात्रवृत्ति मिली जबकि बजट की कमी के चलते 31859 छात्र वंचित रह गये।
संयुक्त निदेशक, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने बताया कि छात्रवृत्ति फण्ड लिमिटेड स्कीम के अन्तर्गत वितरित की जाती है, इसलिये उपलब्ध धनराशि के अनुसार ही छात्रवृत्ति का वितरण संभव है।
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