महिलाएं लक्ष्य को पाने के लिए मजबूत इरादे के साथ मैदान में उतरे और पढ़ाई के साथ हालात और राजनीति पर भी नजर रखें: डाक्टर नूरूस्सबाह
डॉक्टर नूरूस्सबाह की किताब “उर्दू अफसानों में मसाएल-ए-निस्वां की अक्कासी” का विमोचन
यूपी80 न्यूज, मऊ
“इरादा और नियत साफ हो तो बहुत कुछ किया जा सकता है और जिनके इरादे मजबूत हों वह कभी अपने लक्ष्य से नहीं भटकते” ये बातें आज उर्दू पढ़ाओ तहरीक की तरफ से सर इकबाल पब्लिक स्कूल बिल्डिंग नंबर 2 में आयोजित नूरूस्सबाह की किताब ” उर्दू अफसानों में मसाएल-ए-निस्वां की अक्कासी” का विमोचन करते हुए नगरपालिका अध्यक्ष मोहम्मद तय्यब पालकी ने कहीं।
आगे उन्होंने कहा कि आज लड़कियां शिक्षा के क्षेत्र में तेजी के साथ आगे बढ़ रही हैं यहाँ तक कि प्रवेश लेने और सीट भर जाने की समस्या भी देखने को मिल रही है। पूर्व पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने नूरूस्सबाह को बधाई देते हुए कहा कि इन्होंने इस लाकडाउन का सदुपयोग करते हुए अपनी एक किताब तैयार कर दी और मऊ की ऐसी पहली महिला बन गईं जिन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ एक लेखिका का भी खिताब हासिल कर लिया। अरशद जमाल ने वहां मौजूद उर्दू तबके के जिम्मेदारों को सुझाव दिया कि उर्दू अदब को आम फहम बनाने की ज़रूरत है ताकि आसानी से सबको समझ में आ सके। उन्होंने मां के महत्व को समझाते हुए कहा कि पिता के न रहने पर भी डॉक्टर साहब की मां ने अपनी बेटी को कैसे इतनी बुलंदी पर पहुंचाया, लोगों को इस से सीख लेने की जरूरत है।
उर्दू पढ़ाओ तहरीक के कन्वेनर ओज़ैर गृहस्थ ने कहा कि यह किताब इस बात का प्रमाण है कि आज लड़कियां लड़कों की तरह तेजी के साथ आगे बढ़ रही हैं और उर्दू के प्रति लड़कियां लड़कों से ज्यादा रूचि ले रही हैं, ये बात सच है कि उर्दू को रोज़ी रोटी से दूर किया गया, लेकिन ये भी हकीकत है कि मऊ के अधिकतर लोग उर्दू के द्वारा ही रोज़ी रोटी से जुड़े हुए हैं। उर्दू के साथ हमने खुद सौतेला व्यवहार किया है।
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पुस्तक की लेखिका डाक्टर नूरूस्सबाह ने कहा कि लड़कियों को घर से निकलने के लिए बहुत जद्दोजहद करनी पड़ती है, क्योंकि लड़कियों के घर से निकलने पर सबसे पहले गैरों की निगाहें और अपनों की उंगलियां उठनी शुरू हो जाती हैं, लेकिन हिम्मत और हौसले से मुश्किल भी आसान हो जाता है। पिता के न रहने पर भी मां ने हमें पढ़ाया और मां के सपनों को मैंने पूरा किया, आगे इन्होंने बताया कि अभी और भी कुछ किताबें मै लिख रही हूं, जल्द ही उसे भी पूरा कर के लोगों के सामने लाने का प्रयास करेंगी।
इस मौके पर डॉक्टर शकील अहमद, डॉक्टर इम्तियाज नदीम, डीसीएसके पीजी कॉलेज मऊ के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डाक्टर मोहम्मद ज़्याउल्लाह, सर इकबाल पब्लिक स्कूल की अध्यापिका रोफैदा मैम, जकी अहमद एडवोकेट ने अपने विचार व्यक्त किए।

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इस अवसर पर मुख्य रूप से मास्टर अश्फाक अहमद, शब्बीर अहमद एडवोकेट, मंसूर अहमद, शहाबुद्दीन इंजीनियर, अलाउद्दीन ग्वालियर, सरफराज़, रैहान, सईदुज़्ज़फर, सादेका जमाल, शोएब अहसन, तलहा फिरोज़, ताहिर फिरोज़, एरम सबा, सहला ज़्या, फौज़िया ज़्या, उज़मा परवीन, राशेदा खातून, सुफिया खातून, ज़ुबी शाहिद, शमीमा, हफ्सा, सोमय्या, शाहिद जमाल, साजेदा खातून, नूरूलहक, मोहम्मद आरिफ, हबीब मदनी, नुज़हत एहसान, डाक्टर होज़ैफा, मोहम्मद अंज़र आदि उपस्थित रहे।