केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा- 2022 में सत्ता में आने पर मछुआ समाज की अन्य मांगें पूरी होंगी; 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने की नारेबाजी
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
निषाद समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की घोषणा के मद्दे नजर पिछले दो दिनों से लखनऊ की सड़कों पर निषाद पार्टी की तरफ से बड़े-बड़े होर्डिंग-बैनर तो लगे थें। लेकिन शुक्रवार को निषाद समाज को मायूसी हाथ लगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2019 में पीएम मोदी ने मछुआ समाज के लिए एक अलग मंत्रालय की मांग को पूरा किया। उनहोंने कहा कि 2022 में भाजपा की सरकार बनने पर निषाद समाज के बाकी सभी एजेंडे को पूरा किया जाएगा। इस मौके पर रैली में आए हुए लोगों ने नारेबाजी की और कहा-आरक्षण नहीं तो वोट नहीं।
रैली में अमित शाह ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस ने कई सालों तक देश व प्रदेश में शासन किया, लेकिन इन्होंने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा की सरकारों ने केवल अपनी जाति के लोगों के लिए काम किया।
उधर, राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व कांग्रेस नेता चौधरी लौटन राम निषाद का कहना है कि आरक्षण के नाम पर निषाद पार्टी व भाजपा की संयुक्त रैली बुलायी गई। लेकिन निषाद समाज को निराशा हाथ लगा है। लौटन राम निषाद का कहना है कि बैनर-होर्डिंग के माध्यम से प्रचारित किया गया था कि रैली के मंच से गृहमंत्री अमित शाह निषाद जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने की घोषणा करेंगे, लेकिन अमित शाह ने आरक्षण के बारे में एक शब्द नहीं बोला।
संजय निषाद ने झूठा सपना दिखाया:
लौटन राम निषाद ने आरोप लगाया है कि संजय निषाद ने झूठा सपना दिखाकर समाज के लोगों को रमाबाई पार्क बुलाया था। उन्होंने कहा कि 17 फरवरी 2014 में भी आरक्षण का लालच दिखाकर मुख्यमंत्री आवास पर भेजकर समाज के लोगों को पिटवाया था।
69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने की नारेबाजी:
69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में पिछले 5 महीने से ईको गार्डन में धरना दे रहे अभ्यर्थी भी रैली में पहुंच गए और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए झंडा लहराए। अचानक छात्रों के प्रदर्शन से भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रशासन को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।