बागी विधायक नितिन अग्रवाल को राहत देने के मूड में नहीं है सपा
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव में समाजवादी पार्टी अपने ‘बागी’ विधायक नितिन अग्रवाल को वॉक ओवर देने के मूड में नहीं है। सपा ने पिछड़ा कार्ड खेलते हुए कुर्मी बिरादरी से आने वाले सीतापुर के महमूदाबाद से छह बार के विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा को चुनाव में उतारना चाहती है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला 16 अक्टूबर को आयोजित होने वाली बैठक में होगा। उधर, भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) ने भी ओबीसी अथवा दलित समाज से उपाध्यक्ष बनाने की मांग की है।
चूंकि उत्तर प्रदेश विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद अब तक विपक्ष के पास ही रहने की परिपाटी चली आ रही है। लेकिन योगी सरकार में पिछले साढ़े चार साल से उपाध्यक्ष पद खाली है। चुनाव के ऐन मौके पर भाजपा इस पद पर भी अपने विधायक को बिठाना चाहती है। इसके लिए वैश्य मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को उपाध्यक्ष बनाने की रणनीति बनाई है। नितिन अग्रवाल पूर्व सांसद एवं भाजपा नेता नरेश अग्रवाल के पुत्र हैं। लेकिन नितिन अग्रवाल की राह में बाधा बनकर सपा खड़ी हो गई है। सपा इसके लिए अपने वरिष्ठ विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा को उतारने की तैयारी कर रही है। खास बात यह है कि नरेंद्र सिंह वर्मा सीतापुर के हैं तो नितिन अग्रवाल पड़ोसी जनपद हरदोई से हैं।
चर्चित रहे हैं नरेश अग्रवाल:
माना जाता है कि नरेश अग्रवाल की वैश्य समाज में मजबूत पकड़ है। चार साल पहले सपा से भाजपा में आए नरेश अग्रवाल कभी अपने विवादित बयानों से काफी चर्चित रहा करते थें। भाजपा में शामिल होने के समय फिल्म अभिनेत्री एवं सपा सांसद जया बच्चन पर नरेश अग्रवाल की विवादित टिप्पणी की काफी किरकिरी हुई थी। तत्कालीन विदेश मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने भी नरेश अग्रवाल के बयान की निंदा की थी।
अंतिम समय चुनाव का कोई मतलब नहीं: राम गोविंद चौधरी
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा है कि अंतिम समय में विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है। भाजपा मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है। हालांकि इस मामले में अंतिम फैसला 16 अक्टूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में होने वाली बैठक में होगा।
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