भाजपा-बसपा के निशाने पर तो पहले से थे, अब अंदरूनी कलह से भी जूझ रहे हैं अखिलेश
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
कभी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव Mulayam Singh Yadav के परिवार की एकजुटता की खबरें दूसरों को प्रेरणा देती थीं, लेकिन अब यादव परिवार बिखराव की अग्रसर है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव Akhilesh Yadav को इन दिनों दो तरफा मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है। भाजपा BJP व बसपा BSP प्रमुख के निशाने पर तो अखिलेश यादव पहले से ही हैं, लेकिन अब उन्हें पार्टी और परिवार के अंदर भी साजिश का सामना करना पड़ रहा है। चचा शिवपाल यादव Shivpal Yadav एवं आजम खान Azam Khan के रूठने की खबरें रोजाना अखबारों में छन-छनकर आ रही हैं।
बिखरने लगा मुलायम सिंह यादव का कुनबा:
चचा फिर से रूठ गए:
मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव एक बार फिर से अखिलेश यादव से रूठ गए हैं। नाराजगी का आलम इतना आगे चला गया है कि अब शिवपाल यादव को भगवा अच्छा लगने लगा है। अब उन्हें पीएम मोदी और सीएम योगी अच्छे लगने लगे हैं। पिछले दिनों उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की और सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फॉलो भी करने लगे हैं।
छोटी बहू ने पाला बदल लिया:
मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही भाजपा का दामन थाम ली। माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें आजमगढ़ लोकसभा सीट से उतार सकती है।
एक साथ वोट डालने नहीं पहुंचा यादव परिवार:
अमूमन हर बार चुनाव के समय मुलायम सिंह यादव का परिवार एक साथ वोट डालने बूथ पर जाता था, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में पहली बार मुलायम परिवार एकसाथ वोट डालने नहीं पहुंचा।
समधी भी रूठ गए:
सपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल एवं मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव ने चुनाव के ऐन मौके पर सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और फिरोजबाद की सिरसागंज विधानसभा से चुनाव लड़ा।
बहन भी रूठ गई:
पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में अखिलेश यादव की चचेरी बहन संध्या यादव ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मैनपुरी में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। संध्या यादव सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन हैं।