किसानों का कर्ज 10 दिनों में होगा माफ, अवारा पशुओं से फसल नुकसान की भरपाई के लिए प्रति एकड़ 3000 रुपए का मुआवजा
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
भाजपा-सपा के बाद कांग्रेस ने भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्दनेजर बुधवार को अपना घोषणा पत्र ‘उन्नति विधान’ जारी कर दिया। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि सत्ता में आने पर प्रदेश का गृह मंत्री दलित वर्ग से बनाया जाएगा। इसके अलावा अगले 10 दिनों में किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे। उन्होंने अवारा पशुओं से फसल नुकसान की भरपाई के लिए प्रति एकड़ 3000 रुपए का मुआवजा देने के साथ गोधन न्याय योजना लागू करते हुए 2 रुपए किलो गोबर खरीदने का वादा किया है।
कांग्रेस ने आशा-आंगनबाड़ी बहनों को 10 हजार रुपए मानदेय, वृद्धा-विधवा को 1000 रुपए पेंशन, नई सरकारी नौकरियों में 40 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण देने की भी घोषणा की है। इसके अलावा सच लिखने या दिखाने वाले पत्रकारों के खिलाफ दायर मुकदमें खत्म किए जाएंगे।
साथ प्रदेश का गृहमंत्री दलित वर्ग से होने और स्कूलों में बेहतहाश फीस वृद्धि पर रोक लगाने का वादा किया गया है। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू एवं विधान मंडल दल की नेता अराधना मिश्रा ‘मोना’ भी उपस्थित थीं।
घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह हमारा तीसरा घोषणापत्र जारी हो रहा है। इससे पहले महिलाओं के लिए शक्ति विधान घोषणा पत्र और युवाओं के लिए भर्ती विधान घोषणा पत्र जारी किया जा चुका है।
घोषणा पत्र के प्रमुख अंश:
किसानों के सभी कर्ज सरकार बनने के 10 दिन के अंदर माफ होंगे।
धान और गेहूं 2500 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदे जाएंगे।
गन्ना 400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीदा जाएगा।
बुंदेलखंड में दाल मिलों की स्थापना होगी।
आवारा और जंगली पशुओं की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रति एकड़ 3,000/ रुपये का हर्जाना दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ मॉडल की तर्ज पर गोधन न्याय योजना लागू की जाएगी। इस योजना के तहत गाय के गोबर को 2 रुपये किलो की दर से खरीदा जाएगा।
पानी की कमी वाले क्षेत्रों में सिंचाई सुनिश्चित करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। एक विशेष गंगा सफाई और उन्नयन प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
मैन्युफैक्चरिंग में रोजगार पैदा करने के लिए चमड़ा, जूता, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, फर्नीचर, बुनकरी जैसे क्षेत्रों में श्रम आधारित विनिर्माण पर विशेष ध्यान देने के साथ एक नई औद्योगिक नीति की घोषणा की जाएगी।
सभी उद्योग जिनके पास 100 से अधिक इकाइयां है, उन्हें एक क्लस्टर घोषित किया जाएगा।
आउटसोर्सिंग बंद किया जाएगा:
उत्तर प्रदेश में आउटसोर्सिंग बंद कर दी जाएगी और अनुबंध (संविदा) रोजगार को युक्तिसंगत बनाया जाएगा।
स्कूलों में मिड-डे मील बनाने वाले रसोइयों को 5,000 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा।
कांवड़ियों और उर्स यात्रियों द्वारा विशेष उपयोग के लिए मौजूदा राजमार्गों के साथ समानांतर सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें उपयुक्त दूरी पर चिकित्सा सेवाओं और विश्राम करने की सुविधा होगी।
बौद्ध शांति सर्किट को विकसित और विस्तारित किया जाएगा, जिसमें संकिसा, सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कौशाम्बी और कपिलवस्तु शामिल हैं।
इंदिरा कैंटीन की स्थापना की जाएगी। ग्राम प्रधान का वेतन बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा। चौकीदारों का वेतन बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा।
अस्पताल में भर्ती होने वाले हर मरीज के लिए 10 लाख रुपये तक के निःशुल्क उपचार की पेशकश की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के सभी 711 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा 2,880 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आईपीएचएस में अपग्रेड किया जाएगा। यूपी के 20,778 उप स्वास्थ्य केंद्रों में से 15,614 में अभी भी (31 मार्च 2020 तक) बिजली कनेक्शन की कमी है। इन सभी का विद्युतीकरण किया जाएगा। संविदा पर कार्यरत चिकित्सको व नर्सों को समयबद्ध तरीके से स्थायी करने का रास्ता तैयार किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के दो लाख खाली पदों को भरा जाएगा। एडहॉक शिक्षकों और शिक्षा मित्रों को उनके अनुभव और सेवा को महत्व देते हुए नियमित किया जाएगा। आंगनवाड़ी और स्कूलों में बच्चों को बनाए रखने के लिए मिड-डे मील आवश्यक है। बच्चों को उचित पोषण मिले यह सुनिश्चित करने के लिए मिड-डे मील का ऑडिट किया जाएगा।
यूपी की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसों की लक्षित संख्या को 400 से बढ़ाकर 2030 तक 6,000 किया जाएगा।
पीड़ित गरीब परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए एक जोखिम बीमा योजना की स्थापना की जाएगी।
अनुसूचित जाति के छात्रों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी। अनुसूचित जाति के सरकारी कर्मचारियों को पदोत्रति में आरक्षण दिया जाएगा। राज्य के गृह मंत्री दलित वर्ग से होंगे।
सभी ओबीसी उप जातियों को आरक्षण का लाभ मिले, जिसमें सबसे पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) श्रेणी के लिए उप-कोटा भी शामिल होगा।
ओबीसी आरक्षित सीटों को शिक्षा, पुलिस और स्वास्थ्य सेवा में समयबद्ध तरीके से भरा जाएगा।
दलित और ओबीसी छात्रों की तरह अल्पसंख्यक छात्रों को भी मॉडल स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
पसमांदा मुसलामानों के कल्याण के लिए एक पसमांदा आयोग की स्थापना की जाएगी।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी।
कोल समुदाय को आदिवासी जनजाति का दर्जा दिया जाएगा।
कम आय वाले दिव्यांग व्यक्तियों को मिलने वाली पेंशन को बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा।
प्रयागराज और वाराणसी में माँ गंगा को समर्पित उत्सव मनाया जाएगा। भगवान परशुराम जयंती पर अवकाश रहेगा।
महिला पुलिस कर्मियों को उनके गृह जनपद में पोस्टिंग की अनुमति दी जाएगी। पूर्व सैनिकों के लिए विधानपरिषद में एक सीट आरक्षित की जाएगी।