उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्रैक्टर गिफ्ट किया तो पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने उन्हें राष्ट्रपति सम्मान देने की मांग की
यूपी80 न्यूज, पटना/गया
आपने यदि माउंटेनमैन दशरथ मांझी को नहीं देखा तो आप लौंगी भुईयां मांझी को देखकर दशरथ मांझी की अनुभूति प्राप्त कर सकते हैं। बिहार के गया निवासी 70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुईयां मांझी ने पहाड़ से अपने खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए लगातार 30 साल की कड़ी मेहनत से 5 किमी लंबी नहर खोद डाली। लौंगी भुईयां मांझी की इस कड़ी मेहनत का आज आसपास के तीन गांवों के 3000 हजार लोगों को पानी मिल रहा है। लौंगी मांझी की इस मेहनत को सलाम करते हुए प्रसिद्ध उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने उन्हें ट्रैक्टर देने की घोषणा की है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लौंगी भुईयां मांझी को राष्ट्रपति पुरस्कार देने की मांग की है। उन्होंने लौंगी भुईयां से मिलकर उन्हें गले लगाया।
आनंद महिंद्रा ने अपने ट्वीट में कहा है,
“लौंगी मांझी को ट्रैक्टर देना उनके लिए सम्मान की बात होगी। उन्होंने जो किया है वह किसी ताजमहल या पिरामिड के निर्माण से कम नहीं है।”
गांव के लोग लौंगी मांझी को पागल कहते थे:
बिहार के गया जिले के कोठिलवा गांव के रहने वाले लौंगी मांझी की फसलें अक्सर पानी के बगैर सूख जाती थीं। हालांकि पास के पहाड़ी पर पानी तो था, लेकिन उसे खेतों तक लाने का कोई रास्ता नहीं था। ऐसे में उन्होंने 30 साल पहले दशरथ मांझी की तरह पहाड़ से गिरने वाले बारिश के पानी को गांव तक लाने की ठान ली। वह खांची और फावड़ा लेकर निकल पड़े। वह रोज घर से जंगल में जाकर नहर की खुदाई करने लगे। लेकिन जब तपती धूप में लौंगी भुईयां फावड़ा चलाते थें तो गांव वाले उन्हें पागल कहते थे, उनका मजाक उड़ाते थें, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 30 साल की कड़ी मेहनत से उन्होंने 5 किमी लंबी नहर का निर्माण कर दिया।
लौंगी भुईयां मांझी के गांव पहुंचे जीतन राम मांझी:
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लौंगी भुईयां मांझी के गांव पहुंचकर उन्हें गले लगाया और उनके नाम पर गांव के स्कूल, अस्पताल और सड़क का नाम लौंगी भुईयां के नाम पर कराने का आश्वासन दिया।