यूपी80 न्यूज, लखनऊ
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो.विनय पाठक Pr Vinay Pathak पर कमीशन, अवैध वसूली और रंगदारी मामले की जांच सीबीआई से कराई जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बाबत केंद्र सरकार को पत्र भेजा है। प्रो.पाठक और उनके करीबी अजय मिश्रा के खिलाफ लखनऊ के इंदिरानगर थाने में 29 अक्टूबर को केस दर्ज हुआ था। फिलहाल मामले की जांच एसटीएफ कर रही है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि, आगरा में परीक्षा कराने वाली कंपनी डिजीटेक्स टेक्नालॉजिज इंडिया प्रा. लि. के एमडी डेविड मारियो डेनिस ने अजय मिश्रा के जरिए प्रो. पाठक पर कमीशन लेने समेत अन्य आरोप लगाए हैं। केस दर्ज होते ही एसटीएफ ने अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अजमेर के कारोबारी अजय जैन और सीतापुर निवासी संतोष की गिरफ्तारी हुई। तीनों पर प्रो. पाठक के काले धन को सफेद करने का आरोप है।
बता दें कि एसटीएफ पूछताछ के लिए प्रो. पाठक को कई बार नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। इस पर जांच एजेंसी कोर्ट में अर्जी लगाकर गैर जमानती वारंट जारी कराने की जुगत में लग गई थी। इस बीच सरकार ने प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी है।