पानीपत की तीसरी लड़ाई में इस परिवार ने सबसे पहले कुर्बानी दी
Jyotiraditya Scindia supported the removal of Article 370 from J&K.
नई दिल्ली, 8 अगस्त
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी लाइन से हटकर मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसला का समर्थन किया है। सिंधिया के अलावा कांग्रेस के अन्य युवा नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा, मिलिंद देवड़ा, जनार्दन द्विवेदी सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने मोदी सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले का समर्थन कर चुके हैं।
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हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि इस मामले में संवैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले में ट्विट किया है, “जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश में उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूं। संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नहीं होते। लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित में लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं।”
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1857 का दाग आज भी मिटाने की कोशिश में सिंधिया परिवार:
बता दें कि क्षत्रपति शिवाजी महाराज के चार मजबूत क्षत्रपों में से एक क्षत्रप सिंधिया घराना भी था। पानीपत की तीसरी लड़ाई में इस परिवार ने सबसे पहले कुर्बानी दी थी। बक्सर की लड़ाई के बाद मुगल बादशाह को अंग्रेजों की कैद से निकाल कर दिल्ली के तख्त पर बैठाने वाले भी सिंधिया महाराज थे। आजादी के बाद इस परिवार ने ग्वालियर और आसपास के इलाकों में शिक्षा के क्षेत्र में अनेक विकास कार्य किए। हालांकि 1857 की क्रांति के दौरान सिंधिया परिवार पर लगे दाग को लेकर आज भी सिंधिया परिवार पर सवाल उठते हैं और यह परिवार आज भी उस दाग को धुलने की हर संभव कोशिश करता है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के मोदी सरकार के फैसले का ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किया गया समर्थन भी शायद उसी का एक हिस्सा हो सकता है।
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