शिक्षा सचिव ने छात्रों से क्लास में जाने की अपील की
लखनऊ, 12 नवंबर
हॉस्टल की फीस वृद्धि के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों का विरोध रंग लाया है। केंद्र सरकार ने जेएनयू में हॉस्टल फीस वापस लेने का आदेश देते हुए छात्रों से पुन: क्लास में लौटने की अपील की है। शिक्षा सचिव आर.सुब्रमण्यम ने बुधवार को ट्वीट करके जानकारी दी है कि हॉस्टल फीस वृद्धि के फैसले को वापस लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि एग्जिक्यूटिव कमिटी की बैठक में निम्न आय वर्ग के छात्रों को आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव भी लाया गया है।
बता दें कि हॉस्टल की फीस वृद्धि के फैसला के खिलाफ जेएनयू छात्रों ने नाराजगी जताते हुए विरोध जताया था। जेएनयू के छात्रों ने आईटीओ स्थित एआईसीटीए बिल्डिंग के बाहर प्रदर्शन किया था। उनके प्रदर्शन की वजह से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 6 घंटे तक अंदर ही फंसे रहें।
बुधवार को भी फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों ने विरोध किया। विरोध कर रहे छात्रों को लेफ्ट व राइट विंग एबीवीपी ने सपोर्ट किया।
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जेएनयू के छात्र रह चुके उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ.अनूप पटेल कहते हैं कि जेएनयू देश का सर्वोच्च शिक्षा केंद्र है। यहां समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के बेटे का सपना पूरा होता है। हॉस्टल फीस वृद्धि का निर्णय पूरी तरह से असंवैधानिक एवं निंदनीय था।
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प्रशासन के इन फैसलों पर छात्र नाराज थे:
जेएनयू प्रशासन ने छात्रों की हॉस्टल फीस कई गुना बढ़ा दी थी। छात्रों का आरोप था कि सिंगल सीटर हॉस्टल का रूम रेंट 20 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए और डबल सीटर हॉस्टल का रूम रेंट 10 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए कर दिए गए थे। रात में गेस्टो 10.30 बजे के बाद हॉस्टल छोड़ना अनिवार्य था। लड़कों के कमरे में किसी लड़की अथवा लड़की के कमरे में किसी लड़के के प्रवेश पर रोक। नियमों का पालन न करने पर 10 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान था।