प.बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय अपने पुत्र सहित ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए
अशोक जायसवाल, पटना/लखनऊ
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी रूठे हुए सहयोगी दलों को मनाने में जुटी है तो बिहार-बंगाल में सहयोगी दल व भाजपा नेता दूर जाने की ओर पांव बढ़ा रहे हैं। बंगाल में भाजपा नेता मुकुल रॉय ने 4 साल बाद पुन: तृणमूल कांग्रेस की ओर घर वापसी कर ली तो बिहार में एनडीए के हिस्सेदारी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव के पुत्र से मुलाकात कर बिहार की सियासी गर्मी बढ़ा दी है।
बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने अपने पुत्र शुभ्रांशु रॉय के साथ शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में तृणमूल कांग्रेस में पुन: शामिल हो गए। इस मौके पर उन्होंने ममता बनर्जी को राष्ट्रीय नेता बताया।
उधर, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के 74वें जन्मदिन पर विधायक तेज प्रताप यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (हम) सुप्रीमो जीतन राम मांझी से उनके सरकारी आवास पर जाकर मुलाकात की। दोनों नेताओं ने लगभग 35 मिनट तक बात की। हालांकि मांझी ने कहा है कि आज राजद सुप्रीमो लालू यादव का जन्मदिन है। मैंने उन्हें ट्वीट के बाद फोन पर भी बधाई दी है। उन्होंने कहा कि तेजप्रताप से मुलाकात में किसी तरह की राजनीतिक बातें नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि मिलना-जुलना लगा रहना चाहिए। लेकिन बिहार में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
यूपी में रूठे हुए सहयोगियों को मनाने की कवायद जारी:
उधर, उत्तर प्रदेश में अपने पुराने सहयोगियों को भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा मनाने की कवायद जारी है।
अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल एवं निषाद पार्टी के प्रमुख डॉ.संजय निषाद एवं उनके सांसद पुत्र प्रवीण निषाद से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुलाकात की और यूपी की जमीनी हकीकत से वाकिफ हुए।
इसके अलावा चर्चा यह भी है कि यूपी के एक पुराने सहयोगी पार्टी के मुखिया से भी अमित शाह ने मुलाकात की है, जो पिछले 2 सालों से भाजपा और पीएम मोदी एवं सीएम योगी पर हमला करने का कोई मौका छोड़ते नहीं हैं। अब देखना यह है कि ये पुराने सहयोगी एक बार फिर से भाजपा से गलबहियां करते हैं या 2022 में भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए सपा से हाथ मिलाते हैं या फिर क्षेत्रीय दलों को एकजुट करके चुनावी अखाड़ें में कूदते हैं!