नीतीश कुमार ने बुलायी जदयू सांसदों की बैठक, ललन सिंह का भाजपा पर बड़ा आरोप-चिराग मॉडल व आरसीपी मॉडल के जरिए बिहार में बड़ी साजिश चल रही थी
यूपी80 न्यूज, पटना/नई दिल्ली
महाराष्ट्र में शिवसेना Shiv Sena की टूट के बाद जदयू JDU सतर्क हो गई है। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह RCP Singh द्वारा शनिवार को पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बिहार Bihar में सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार CM Nitish Kumar ने सोमवार को पार्टी के सांसदों की बैठक बुलाई है। इस बैठक को लेकर राजनीतिक जगत में कयास के दौर चल रहे हैं। बैठक से पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह Rajiv Ranjan Singh (Lalan Singh) उर्फ ललन सिंह ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि चिराग मॉडल Chirag Model की तरह आरसीपी मॉडल RCP Model के जरिए बिहार में बड़ी साजिश चल रही थी। उन्होंने यहां तक कह दिया कि आरसीपी सिंह बगैर नीतीश कुमार की सहमति के मोदी कैबिनेट Modi Cabinet में शामिल हो गए थे।

एनडीए सरकार की प्रमुख घटक दल जदयू ने अपने सभी सांसदों को सोमवार शाम को पटना तलब किया है। इसके अलावा पार्टी के सभी विधायकों को भी प्रदेश की राजधानी में रहने का निर्देश दिया गया है। उधर, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी अपने सभी विधायकों को अगले कुछ दिनों तक पटना रहने का निर्देश दिया है। इसी तरह कांग्रेस ने भी विधायक मंडल दल की बैठक बुलायी है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ ने भी वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक बुलायी है, जिसकी वजह से बिहार सहित पूरे देश का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।
बिहार के शिक्षा मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने भी साफ तौर से कह दिया है कि मोदी कैबिनेट में जदयू शामिल नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि जदयू को केंद्र में उचित सम्मान नहीं मिला। पार्टी ने दो मंत्री पद की मांग की थी, लेकिन इस मांग को ठुकरा दिया गया।

चिराग मॉडल व आरसीपी मॉडल से सतर्क हुई जदयू:
ऑपरेशन आरसीपी सर्च के बाद जदयू फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी तख्ता पलट की आशंका से जदयू नेता काफी सतर्क हो गए हैं।नीतीश कुमार ने खुद पीएम मोदी की अहम बैठकों से दूरी बना ली है। पिछले महीने बिहार सरकार के खर्चे पर आयोजित विधान सभा भवन के शताब्दी वर्ष समारोह में तस्वीरों में केवल पीएम मोदी और विधान सभा अध्यक्ष ही दिखे। नीतीश कुमार की तस्वीर गायब थी। इससे जदयू कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों में काफी नाराजगी देखी गई।
पीएम मोदी की बैठकों से दूर हैं नीतीश :
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में जेडीयू ने एनडीए का समर्थन तो किया, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। इसी तरह द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह से भी नीतीश कुमार ने दूरी बनायी। रविवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन नीतीश कुमार ने इस बैठक में शामिल नहीं हुए। इसी तरह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सभी एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को तिरंगा फहराने के लिए दिल्ली बुलाया गया था, लेकिन नीतीश कुमार ने इस बैठक से भी दूरी बना ली।
बता दें कि बिहार विधान सभा चुनाव 2020 में लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने जदयू के सभी प्रत्याशियों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ नहीं। इसके अलावा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाए, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की और खुद को उनका हनुमान बताया। उधर, पिछले महीने महाराष्ट्र में शिवसेना के प्रमुख नेता व कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने बगावत की और तख्ता पलट कर दिया। उन्होंने बीजेपी के सहयोग से महाराष्ट्र में सरकार का गठन किया है। इन दोनों घटनाओं एवं आरसीपी सिंह के बगावती रूख से जदयू के आला नेता सचेत हो गए हैं और एक बार फिर से अपनी भविष्य की रणनीति पर मंथन शुरू कर दिए हैं।
