सपा के गढ़ आजमगढ़-मऊ में पंक्चर हो गई साइकिल, एक महीने पहले 21 में से 17 सीटों पर हुई थी जीत
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
महज एक महीने पहले हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi की संसदीय सीट वाराणसी Varanasi की सातों सीटों पर भाजपा BJP ने जीत का परचम लहराया, लेकिन विधान परिषद चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को करारी हार झेलनी पड़ी है। इसी तरह आजमगढ़ मंडल की 21 विधानसभा सीटों में से 17 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने फतह की, लेकिन विधान परिषद चुनाव में दोनों सीटें (आजमगढ़-मऊ और बलिया) हार गई। सपा Samajwadi Party का गढ़ कहा जाने वाला आजमगढ़ Azamgarh में भी पार्टी की किरकिरी हो गई। यहां से न तो सपा को जीत मिली और न ही भाजपा को। यहां से सीएम के करीबी रहे यशवंत सिंह का बेटा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की है। अब पिता-पुत्र दोनों एक साथ विधान परिषद में बैठेंगे।
बता दें कि वाराणसी में विधानसभा चुनाव में भले ही भाजपा ने सातों सीटें जीत गई हो, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिष्ठा से जुड़ी वाराणसी में पिछले ड़ेढ़ सालों में भाजपा को दो बार हार का सामना करना पड़ा। दिसंबर 2020 में हुए विधान परिषद चुनाव (शिक्षक एवं स्नातक) में दोनों सीटें समाजवादी पार्टी जीत गई थी। इस बार हुए विधान परिषद चुनाव (स्थानीय निकाय) में एक बार फिर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यहां से भाजपा प्रत्याशी डॉ.सुदामा पटेल तीसरे पायदान पर रहे। यहां से बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह एमएलसी निर्वाचित हुई हैं।
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सपा के गढ़ में पंक्चर हो गई साइकिल:
विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ की 21 में से 17 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन इतनी बड़ी जीत के बावजूद अखिलेश यादव अपना गढ़ बचा नहीं सके। आजमगढ़-मऊ से निर्दलीय प्रत्याशी विक्रांत सिंह रिशु तो बलिया से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र रविशंकर सिंह पप्पू पुन: एमएलसी निर्वाचित हुए है। अर्थात इस हार ने समाजवादी पार्टी की अंदरूनी कलह को उजागर कर दिया है।
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