प्रदेश के किसानों, जरूरतमंदों, कुटीर उद्योग को आर्थिक संकट से उबारने के लिए प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को लिखा पत्र
लखनऊ, 16 अप्रैल
पिछले महीने उत्तर प्रदेश में ओलावृष्टि एवं बेमौसम बारिश की वजह से किसानों की फसल को काफी क्षति हुई। लेकिन किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिला है। पीड़ित किसानों को तत्काल मुआवजा राशि दी जाए। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी ने किसानों के इस ज्वलंत मुद्दा को उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
प्रियंका गांधी ने अपने पत्र के माध्यम से सीएम योगी से मांग की है कि ओलावृष्टि और बारिश से हुई फसलों की बर्बादी का मुआवजा सभी किसानों को तुरंत दिया जाए, ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।
श्रीमती गांधी ने पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी ने आज ज्यादाताद क्षेत्रों की कमर तोड़ दी है। प्रदेश का हर एक तबका इस आपदा और इसके आर्थिक व सामाजिक दुष्प्रभावों से परेशान है।
फसल की कटाई सुनिश्चित की जाए:
श्रीमती गांधी ने पत्र में लिखा है कि किसानों की गेंहू की फसल की कटाई का समय चल रहा है। किसान बुरी तरह से परेशान हैं कि कटाई कैसे होगी। प्रदेश में कम्बाईन मशीनों से कटाई की इजाजत भी दे दी गई है, लेकिन अभी तक कम्बाइन मशीनों के मालिक प्रशासन से भयभीत हैं। इन मशीनों के ज्यादातर चालक दूसरे प्रदेशों से आते हैं, उनके आने की व्यवस्था की जाए। सही सूचना के अभाव में और जुर्माने के डर से किसान रात-बिरात गेंहू काट रहे हैं। उन्होंने गन्ना किसानों का बकाया तत्काल भुगतान करने की मांग की।
इन उद्योगों को लगा झटका:
श्रीमती गांधी ने पत्र में उल्लेख किया है कि उत्तर प्रदेश का कांच उद्योग, पीतल उद्योग, कालीन उद्योग, बुनकरी, फर्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग, डेयरी, मिट्टी बर्तन उद्योग, फिशरी-हेचरी उद्योग, अन्य घरेलू उद्योग सभी को तेज झटका लगा है। प्रदेश के लाखों बुनकरों की हालत अत्यंत खराब है। इनके लिए ठोस योजना तैयार की जाए।
उन्होंने यह भी मांग की है कि मजदूरों और छोटे उद्योगों की स्थिति में सुधार के लिए जाने-माने विशेषज्ञों की एक “आर्थिक पुननिर्माण टास्कफोर्स” गठित की जाए।
बिना पंजीकृत मजदूरों को भी मिले मदद:
श्रीमती गांधी ने कहा है कि अभी भी बहुत मजदूर परिवारों को राशन व नकदी की किल्लत है। काफी मजदूरों का पंजीकरण न होने से उनको किसी भी राहत योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने मांग की है कि बिना पंजीकृत मजदूरों को भी आर्थिक मदद की गारंटी की जाए। इसी तरह बिना राशनकार्ड धारकों को भी राशन देने की गारंटी की जाए और राशन में चावल के साथ गेंहू, दाल, तेल, नमक और मसाला पाउडर भी दिया जाए।
मनरेगा मजदूरों को मिले आर्थिक पैकेज:
श्रीमती गांधी ने मांग की है कि मनरेगा मजदूरों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि मनरेगा मजदूरों के लिए घोषित 611 करोड़ रुपए उनका पिछला बकाया था।
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