जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया गया फैसला; कैट के राष्ट्रीय महामंत्री की मांग- जीएसटी के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हेतु गठित हो टास्क फोर्स
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
आखिरकार व्यापारियों के भारी विरोध के चलते केंद्र सरकार को कपड़ा पर प्रस्तावित जीएसटी वृद्धि को वापस लेना पड़ा। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में कपड़ा पर 1 जनवरी 2022 से 5 परसेंट के स्थान पर 12 परसेंट जीएसटी लगाने के निर्णय को वापस लेने का फैसला किया गया है। व्यापारियों के देश के सबसे बड़े संगठन कांफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस फैसले का स्वागत किया है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे देश के लाखों कपड़ा एवं फुटवियर व्यापारियों को राहत मिलेगी, जो पिछले एक महीने से ज्यादा समय से बेहद तनाव की जिंदगी जी रहे थे। उन्होंने कहा कि कपड़े की तरह फुटवियर पर भी जीएसटी दर बढ़ाने के निर्णय को स्थगित करना आवश्यक है।
अफसरों की कठपुतली हैं राजनेता:
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी काउंसिल का यह निर्णय इस बात को दर्शाता है कि किस प्रकार देश के सभी राज्यों के राजनेता अफसरशाही के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं और कोई भी निर्णय लेने से पहले उसके गुण-दोष पर विचार तक नहीं करते हैं, जबकि व्यापारियों एवं अन्य वर्गों से कोई सलाह मशवरा की बात तो बहुत दूर है।
टास्क फोर्स का हो गठन:
प्रवीण खंडेलवाल ने मांग की कि जीएसटी के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने, राजस्व में वृद्धि व जीएसटी का कर दायरा बढ़ाने हेतु केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया जाए, जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित व्यापारी वर्ग को भी शामिल किया जाए।