यूपी 80 न्यूज़, बलिया
बलिया जनपद के सोनाडाबर बगीचा स्थित फड़ापेन बड़ादेव ठाना पर 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस गोंड समुदाय के लोगों ने प्रकृति शक्ति की उपासना गोंगो करके बड़े ही उत्साह पूर्वक धूम-धाम से मनाया तथा अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस जिंदाबाद के नारे लगाये।
अपनी आदिवासी जनजाति सभ्यता, संस्कृति, परंपरा पर गर्व करने, उनका संरक्षण करने, पर्यावरण प्रकृति पृथ्वी धरती दाई की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने और अपना आवश्यक नैतिक प्राकृतिक कर्तव्य समझते हुए उसकी अपने पुत्र के समान रक्षा करने का सामूहिक संकल्प लिया गया। आदिवासी जनजाति हितों की रक्षा के लिए सतत् संघर्षरत रहने का आहवान करते हुए प्रकृतिवादी गोंडी धर्माचार्य सुदेश शाह मंडावी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 9 अगस्त को अंतराष्ट्रीय आदिवासी दिवस घोषित किए जाने का मूल मकसद दुनिया भर के आदिवासी जनजाति समुदाय के प्रकृतिवादी जीवन शैली की तरफ सबका ध्यान आकृष्ट कराना रहा है, ताकि आदिवासियों की सांस्कृतिक परंपरा, सभ्यता को संरक्षण करने की दिशा में सरकारें ठोस कदम उठाएं! वक्ताओं ने आगे कहा कि गर्म होती धरती को यदि बचाना है तो जल- जंगल- जमीन पुनः आदिवासी जनजाति समुदाय के हवाले करना होगा और यह उनका जन्मजात प्राकृतिक अधिकार भी है. आदिवासी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिये गांव गांव में संगठन को मजबूत करना होगा.
इस दौरान प्रमुख रूप से दीपू गोंड, सुदेश शाह, सुरेश शाह, भुवनेश्वर गोंड, संजय गोंड, कन्हैया गोंड, शिवजी गोंड, पवन गोंड, राहुल गोंड, राकेश गोंड, अरुण गोंड, सनी गोंड, अमित गोंड, दीपक गोंड प्रद्युम्न गोंड, अनिल गोंड, पिंकू गोंड, अरविन्द गोंडवाना रहे।