घूरा राम ने कहा, “जल्द ही बलिया की बसपा की पूरी टीम सपा में ‘शामिल होगी”
लखनऊ, 26 जून
उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बहुजन समाज पार्टी के जमीनी नेता घूरा राम ने सोमवार को हाथी छोड़कर साइकिल पर सवार हो गए। लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में घूरा राम ने अपने समर्थकों संग सपा में शामिल हुए। इस मौके पर फूलन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल निषाद ने भी समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली। इस अवसर पर सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, बलिया निवासी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी, बलिया सदर से पूर्व महिला विधायक मंजू सिंह सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
घूरा राम पिछले कुछ दिनों से बहुजन समाज पार्टी से नाराज चल रहे थे। लोकसभा चुनाव में उन्हें आजमगढ़ के लालगंज संसदीय क्षेत्र से बसपा ने उम्मीदवार बनाया था, लेकिन चुनाव के ऐन मौके पर घूरा राम का टिकट काट दिया गया। इस दौरान उनपर अनुशासनहीनता का आरोप भी लगा।
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मूलरूप से बलिया जनपद के रहने वाले घूरा राम ने राजनीतिक करियर की शुरूआत टीडी कॉलेज, बलिया से छात्रसंघ अध्यक्ष के तौर पर की। 1990 से 1998 तक बीएसपी बलिया के जिलाध्यक्ष रहें और 1993 में रसड़ा से विधायक चुने गए। 1995 में बसपा सुप्रीमो मायावती के मुख्यमंत्री बनने पर घूरा राम को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बनाया गया।
इस मौके पर घूरा राम ने कहा कि वह जल्द ही बलिया के सभी बसपा पदाधिकारियों को समाजवादी पार्टी में शामिल कराएंगे।
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अंबिका चौधरी के सपा में शामिल होने की अफवाह:
उधर, सोमवार को बसपा के वरिष्ठ नेता अंबिका चौधरी के भी सपा में शामिल होने की अफवाह उड़ी। लेकिन अंबिका चौधरी ने इस खबर का खंडन करते हुए इसे शरारतपूर्ण करार दिया है।
बलिया जनपद के पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार एवं जनपद के पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष अनूप हेमकर का कहना है कि मायावती सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे घूरा राम को अपने पाले में लाकर सपा ने दलित मतों की सेंधमारी शुरू कर दी है। घूरा राम बलिया जिले में मजबूत दलित नेता माने जाते हैं। दलितों में उनकी मजबूत पकड़ है। घूरा राम के पाला बदल से बसपा को झटका लगना तय माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने हमेशा दलितों के स्वाभिमान की लड़ाई मजबूती से लड़ा है।