काला पानी कहे जाने वाले रेणुका पार के आदिवासी अंचल के विकास के लिए यह पुल मील का पत्थर साबित होगा
यूपी 80 न्यूज, सोनभद्र
रेणुका नदी पर प्रस्तावित बहुउपयोगी पुल के निर्माण को उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर पुल को मिली स्वीकृति की जानकारी दी है। पुल निर्माण में 73 करोड़ 25 लाख 43 हजार रूपये लागत आएगी। समाज कल्याण मंत्री संजीव सिंह गौड़ ने रेणुका नदी पर प्रस्तावित पुल निर्माण का शिलान्यास किया। इस मौके पर ओबरा मंडल अध्यक्ष सतीश पांडेय, चोपन मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह सहित कई भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे। पुल का निर्माण सेतु निगम द्वारा किया जाएगा।
योगी सरकार की स्वीकृति मिलने से ओबरा सहित रेणुका नदी पार के क्षेत्रों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। आजादी के सात दशक बाद भी पुल नहीं होने के कारण दो लाख की आबादी को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था। इससे पहले बीते अप्रैल माह से सेतु निगम द्वारा पुल निर्माण के लिए मृदा परीक्षण का कार्य शुरू कर दिया था।
प्रस्तावित पुल से ही ओबरा सी में उत्पादन चालू होने पर निकलने वाली ऐश रेणुकापार के चकाड़ी स्थित ऐश डैम में जाएगी। इस ऐश को पाईपलाइन के माध्यम से ऐश डैम तक ले जाना है। रेणुका नदी पर प्रस्तावित पुल को दूसरी बार शासन की मंजूरी मिली है।
उधर, पुल निर्माण के लिए पिछले कई वर्षों से आंदोलन चला रहे राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हरदेव नारायण तिवारी ने प्रसंन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह पुल काला पानी कहे जाने वाले रेणुका पार के आदिवासी अंचल के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। रेणुका पार की जनता इस पुल को लेकर बड़ी उम्मीदें लगाए हुए है। उन्होंने प्रदेश सरकार सहित सेतु निगम के उच्चाधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि लाखों की आबादी को मुख्यधारा से जोड़ने में यह पुल ही माध्यम बनेगा। सेतु निगम के विंध्याचल मंडल के परियोजना प्रबंधक ई.आरएस उपाध्याय ने बताया कि शासन से स्वीकृति मिलने के बाद अगले तीन चार दिनों में शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। जिसके बाद पुल निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी।