यूपी80 न्यूज, लखनऊ
प्रदेश की राजधानी में भी मरीजों को एंबुलेंस Ambulance के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में आप खुद प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल समझ सकते हैं। लखनऊ में रविवार को राजभवन Rajbhawan के पास एक महिला Woman ने बीच सड़क पर एक बच्चे को जन्म दिया। महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद आसपास मौजूद लोगों ने एंबुलेंस को बुलाया जो सही समय पर नहीं पहुंची। इस वजह से सड़क पर ही महिलाओं ने चादर की आड़ बनाकर महिला की डिलीवरी कराई। हालांकि इस दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।
महिला के परिजनों ने इस पूरे मामले में अस्पताल को दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि पीड़िता को रिक्शे से दो बार अस्पताल ले कर गए, लेकिन उन्होंने महिला को हॉस्पिटल में एडमिट नहीं किया। अस्पताल में महिला को केवल इंजेक्शन लगाकर वापस लौटा दिया। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने डॉक्टरों से महिला को भर्ती करने का अनुरोध किया, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया। अस्पताल की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं दी गई। समय पर एंबुलेंस के न आने की वजह से सड़क पर महिला की डिलीवरी करानी पड़ी। जब तक एंबुलेंस आई, तब तक महिला की डिलीवरी हो चुकी थी।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस मामले में दु:ख व्यक्त करते हुए अपनी पत्नी नम्रता पाठक के साथ झलकारी बाई अस्पताल पहुंचे। वहां पर उन्होंने पीड़ित महिला के साथ मुलाकात की। उन्होंने इस मामले की जांच प्रमुख सचिव से करने का निर्देश दिया।
शिशु के अंतिम संस्कार में शामिल हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक:
ब्रजेश पाठक अपनी कार में मृत बच्चे का शव और महिला के पति को बैकुंठ धाम ले गये। बैकुंठ धाम पहुंचकर उन्होंने खुद खड़े होकर बच्चे का अंतिम संस्कार करवाया। ब्रजेश पाठक ने कहा कि एबुलेंस जो लेट हुई है उसकी जांच करवाएंगे। अगर जरा लापरवाही हुई है तो हम बख्शेंगे नहीं। प्रदेश में सभी बहनो को अच्छा इलाज मिले ये मेरी जिम्मेदारी है।