दो निजी कंपनियों ने बढ़ाया, 50 किग्रा डीएपी की बोरी 1500 रुपए में मिलेगी
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
महंगे पेट्रोल-डीजल की मार से जूझ रहे किसानों को अब महंगे डीएपी खाद की भी मार पड़ने वाली है। किसानों को अब 50 किलोग्राम की डीएपी खाद की बोरी के लिए 1500 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। अब तक 50 केजी डीएपी के लिए किसानों को 1200 रुपए का भुगतान करना पड़ता था। अर्थात अब किसानों को 300 रुपए अधिक भुगतान करना पड़ेगा। यह वृद्धि दो निजी कंपनियों ने की है।
हालांकि इफको के अधिकारियों का कहना है कि अभी पुराना स्टॉक काफी ज्यादा पड़ा है। ऐसे में यूपी के किसानों को फिलहाल किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। अधिकारियों की दलील है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल व डीजल के महंगे रेट की वजह से डीएपी के दाम में वृद्धि हुई है।
बता दें कि जून-जुलाई में होने वाले खरीफ की फसल की बुआई-रोपाई के दौरान किसानों को डीएपी की सर्वाधिक जरूरत पड़ेगी। ऐसे में खरीफ की फसल की खेती में किसानों को सर्वाधिक खर्च उठाना पड़ेगा।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर जादौन कहते हैं कि किसानों की आय बढ़ाने की बजाय किसानों की लागत बढ़ाने की साजिश हो रही है। यह किसानों के साथ कुठाराघात है। प्रदेश उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा कहते हैं कि यदि डीएपी का रेट बढ़ता है तो यह किसानों के साथ अन्याय होगा।
भाजपा सरकार की आंखों में खटक रहे हैं किसान: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कहते हैं कि भाजपा राज में किसानों पर दो गुनी मार पड़ रही है। किसान पहले ही डीजल-पेट्रोल के बढ़े दाम से परेशान था और अब डीएपी खाद के दाम में 300 रुपए की वृद्धि कर दी है। सरकार ने किसान को वादे के अनुरूप लागत का ड्योढ़ा मूल्य देने की कोई व्यवस्था नहीं की। भाजपा सरकार ने कीटनाशक के दाम, सिंचाई दर, बिजली दरें बढ़ाकर किसान पर घोर संकट में फंसा दिया है।
बलिया के बेल्थरा रोड विधानसभा क्षेत्र से सपा के पूर्व विधायक गोरख पासवान कहते हैं कि भाजपा सरकार में लोग पहले ही महंगाई से त्रस्त हैं। महंगे पेट्रोल-डीजल की वजह से किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है। अब डीएपी खाद का भी दाम बढ़ा दिया गया। इसका पूरी तरह से विरोध होना चाहिए।