यूपी80 न्यूज, लखनऊ
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार चकबन्दी विभाग को पारदर्शी व जन सामान्य के प्रति उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से चकबन्दी प्रक्रिया में गुणात्मक सुधार शुरू हो गया है। इसी के तहत चकबंदी आयुक्त ने चकबन्दी कार्यों की समीक्षा के दौरान चकबन्दी कार्यों में शिथिलता बरते जाने पर बलिया, मऊ और सीतापुर के चकबंदी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है।
चकबंदी आयुक्त ने बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी बलिया अनिल कुमार व बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी सीतापुर सन्तोष कुमार को निलम्बित कर विभागीय कार्यवाही किये जाने की संस्तुति शासन को प्रेषित की है। चकबन्दी अधिकारी मऊ अशफाक आलम अन्सारी को मानक के अनुसार कार्य न करने एवं शिथिलता बरतने के कारण निलम्बित कर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गयी है। इसके अलावा तत्कालीन चकबन्दी अधिकारी सम्प्रति सहायक चकबन्दी अधिकारी कामता प्रसाद को सिद्धार्थनगर के ग्राम गढावर में शासकीय भूमि को क्षति पहुंचाने के कारण विभागीय कार्यवाही संस्तुति की गयी और आरोप सिद्ध हो जाने की दशा में उन्हें पदच्युत कर दिया गया। चकबन्दी अधिकारी अलीगढ़ बृजेश कुमार शर्मा व चकबन्दी अधिकारी महराजगंज ऐश मुहम्मद को चकबन्दी क्रियाओं के दौरान गम्भीर अनियमितता कारित करने के कारण उनके विरूद्ध सम्बन्धित जनपदों में प्रथम सूचना प्रतिवेदन भी अंकित कराया गया है।
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने निर्देशित किया कि चकबन्दी प्रक्रिया को पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत करते हुए इसके लिए कार्यदायी संस्था को चयनित तथा कम समय में पारदर्शिता एवं जन सहभागीदारी के साथ चकबन्दी कार्य पूर्ण किया जाए। चकबन्दी क्रियाओं में अपनाये जाने वाली प्रक्रिया को सहज, सरल व प्रक्रिया को न्यूनतम कर इसकी कमियों को दूर किया जाए। अब चकबन्दी प्रक्रिया में लगने वाला समय तीन से पांच वर्ष से घट कर एक से डेढ़ वर्ष में होगा।