यूपी 80 न्यूज़, नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस congress ने शुक्रवार को अपना घोषणा-पत्र ‘न्याय पत्र’ जारी कर दिया, जिसमें पांच न्याय (हिस्सेदारी न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय, युवा न्याय), जातीय जनगणना और युवाओं को प्रतिवर्ष 30 लाख नौकरी देने का वादा किया है। कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ व गरीब महिलाओं को सलाना एक लाख रुपए की सहायता देने की भी घोषणा की है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के गठन की भी घोषणा की है। इस घोषणा से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पीएम मोदी की गारंटी पर राहुल गाँधी का वादा भारी है। हालांकि अभी भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष पी. चिदंबरम और कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा चुनाव, 2024 के लिए कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी किया। इसे ‘न्याय पत्र’ नाम दिया गया है। इसमें तमाम वर्गों के लिए न्याय पर जोर दिया गया है जिसमें महिला, युवा, किसान, गरीब आदि शामिल हैं।
न्याय पत्र जारी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान न्याय के पांच स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। इनमें युवा न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय की घोषणा की गईं थीं। इनमें 25 गारंटियां निकलती हैं।
किस वर्ग के लिए क्या:
राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक जाति जनगणना।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं गरीब सामान्य वर्ग को मिलने वाले आरक्षण पर 50% का कैप हटाया जाएगा।
शिक्षा एवं नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिलने वाले 10% आरक्षण को बिना किसी भेदभाव के सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू किया जाएगा।
अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सभी रिक्त पदों को 1 साल के भीतर भरा जाएगा।
सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में संविदा भर्तियों की जगह नियमित भर्तियां और अभी जो संविदा कर्मी हैं उनका नियमतीकरण किया जाएगा।
भूमिहीनों को जमीन दी जाएगी।
व्यापक परामर्श के बाद पार्टी LGBTQIA+ समुदाय से संबंधित जोड़ों के बीच सिविल यूनियनों को मान्यता देने के लिए एक कानून लाया जाएगा।
युवाओं के लिए:
पहली नौकरी पक्की गारंटी देने के लिए शिक्षु (अप्रेंटिस) एक्ट, 1961 को हटाकर प्रशिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) अधिकार अधिनियम लाया जाएगा। यह कानून 25 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक डिप्लोमा धारक या कॉलेज स्नातक के लिए, निजी एवं सरकारी क्षेत्र की कंपनी में एक साल का प्रशिक्षुता कार्यक्रम प्रदान करेगा। इस कानून के तहत, हर प्रशिक्षु को एक लाख रुपए प्रति वर्ष का मानदेय दिया जाएगा।
केंद्र सरकार में विभिन्न स्तरों पर स्वीकृत लगभग 30 लाख रिक्त पदों को भरा जाएगा।
उन आवेदकों को एक बार की राहत मिलेगी, जो महामारी के समय 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के दौरान सरकारी परीक्षा नहीं दे सके।
सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए आवेदन शुल्क समाप्त किया जाएगा।
सभी छात्र शैक्षिक ऋणों के संबंध में 15 मार्च 2024 तक ब्याज सहित ऋण की देय राशि को माफ किया जाएगा और बैंकों को सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी।
21 वर्ष से कम आयु के प्रतिभाशाली और उभरते खिलाड़ियों को प्रति माह 10,000 रुपये की खेल छात्रवृत्ति प्रदान किया जाएगा।
महिलाओं के लिए:
प्रत्येक गरीब भारतीय परिवार को बिना शर्त नकद हस्तांतरण के रूप में एक लाख रुपए प्रति वर्ष प्रदान करने के लिए एक महालक्ष्मी योजना शुरू करने का संकल्प लिया है।
यह राशि सीधे घर की सबसे बुजुर्ग महिला के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी। बुजुर्ग महिला के नहीं रहने पर इसे परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य के खाते में स्थानांतरित किया जाएगा।
2025 से महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की आधी (50 प्रतिशत) नौकरियां आरक्षित किया जाएगा।
किसानों के लिए :
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी दी जाएगी।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) को एक वैधानिक निकाय बनाया जाएगा।
खरीद केंद्रों और एपीएमसी पर किसान-विक्रेता को देय न्यूनतन समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) सीधे किसान के बैंक खाते में डिजिटल रूप से जमा किया जाएगा।
फसल बीमा को खेत और किसान के अनुरूप बनाया जाएगा। किसान से बीमा राशि के अनुसार प्रीमियम लिया जाएगा और सभी वावीं का निपटान 30 दिनों के भीतर किया जाएगा।
शिक्षा के लिए:
सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से कक्षा 12 तक की शिक्षा को निःशुल्क एवं अनिवार्य बनाने के लिए शिक्षा का अधिकार (आर.टी.ई.) अधिनियम में संशोधन।
सरकारी स्कूलों में विभिन्न प्रयोजनों के लिए विशेष शुल्क लेने की प्रथा को समाप्त किया जाएगा।
राज्य सरकारों के परामर्श से केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की संख्या बढ़ाया जाएगा।
संविधान रक्षा का वादा:
कांग्रेस ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव’ के विचार को अस्वीकार करती है।
ईवीएम की दक्षता और मतपत्र की पारदर्शिता को संयोजित करने के लिए चुनाव कानूनों में संशोधन। मतदान ईवीएम के माध्यम से होगा, लेकिन मतदाता मशीन से उत्पन्न मतदान पर्ची को वीवीपैट (VVPAT) इकाई में रख और जमा कर सकेंगे। इलेक्ट्रॉनिक वोट का मिलान वीवीपैट पर्ची मिलान से किया जाएगा।
संविधान की दसवीं अनुसूची में संशोधन किया जाएगा और दलबदल करने वाले विधायक वा सांसद को विधानसभा या संसद की सदस्यता से स्वतः अयोग्य घोषित किया जाएगा।
भोजन और पहनावे, प्यार और शादी एवं भारत के किसी भी हिस्से में यात्रा और निवास की व्यक्तिगत पसंद में हस्तक्षेप नहीं। सभी कानून और नियम जो अनुचित रूप से हस्तक्षेप करते हैं उन्हें रद्द किया जाएगा।
संसद के दोनों सदन साल में 100 दिनों के लिए चलेंगे। सप्ताह में एक दिन प्रत्येक सदन में विपक्षी बेंच द्वारा सुझाए गए एजेंडे पर चर्चा के लिए समर्पित किया जाएगा। दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को किसी भी राजनीतिक दल से अपना संबंध तोड़ना होगा, तटस्थ रहना होगा।
योजना आयोग को बहाल किया जाएगा।