भाजपा को सात व सपा को तीन सीटें मिलनी तय, एक सीट पर होगी खींचतान, यूपी में विधानसभा चुनाव के बाद अब दूसरा झटका खाने को तैयार बसपा व कांग्रेस
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव Uttar Pradesh Assembly Electionमें मिली करारी शिकस्त के बाद अब अगले महीने उत्तर प्रदेश में राज्यसभा Rajyasabha election की 11 सीटों पर होने वाले चुनाव में भी बसपा और कांग्रेस को बड़ा झटका लगने वाला है। प्रदेश में बसपा के महज एक और कांग्रेस के महज दो विधायक होने की वजह से दोनों पार्टियों को राज्यसभा चुनाव में निराशा ही हाथ लगेगी। अगले महीने 10 जून को प्रदेश में 11 सीटों पर चुनाव होगा। इससे पहले विधान परिषद चुनाव में भी दोनों दलों को मायूसी ही मिली थी।
बता दें कि फिलहाल उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में बसपा के मात्र दो सांसद सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ एवं कांग्रेस से कपिल सिब्बल ही एक मात्र एक सांसद हैं। इन सांसदों का कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में कांग्रेस के एक भी सांसद नजर नहीं आएंगे। जबकि बसपा से मात्र रामजी गौतम ही रह जाएंगे।
विधानसभा में नहीं है संख्या बल:
फिलहाल उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा की सीटों में से बसपा के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह हैं। ये बलिया की रसड़ा सीट से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। वहीं कांग्रेस की तरफ से मात्र अनुराधा मिश्रा ‘मोना’ और वीरेंद्र चौधरी विधायक हैं। अनुराधा मिश्रा मोना कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी की बेटी हैं और प्रतापगढ़ की रामपुर सीट से दूसरी बार विधायक चुनी गई हैं। इनके अलावा महाराजगंज की फरेंदा सीट से वीरेंद्र चौधरी विधायक चुने गए हैं।
24 मई को जारी होगी अधिसूचना:
राज्यसभा में यूपी की 11 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए 24 मई को अधिसूचना जारी की जाएगी।
24 से 31 मई तक नामांकन किए जाएंगे।
एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी
तीन जून तक नामांकन पत्रों की वापसी होगी
10 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा
10 जून को शाम पांच बजे से मतगणना शुरू होगी
भाजपा व सपा के बीच होगी मुख्य लड़ाई:
राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा और सपा के बीच मुख्य लड़ाई होगी। भाजपा को 7 व सपा को 3 सीटें मिलनी तय है। इनके अलावा एक सीट के लिए दोनों दलों के बीच खींचतान होगी।
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एक सीट के लिए 36 विधायकों की जरूरत:
राज्यसभा की एक सीट के लिए 36 विधायकों की जरूरत होती है। भाजपा गठबंधन के पास फिलहाल 273 विधायक हैं। अत: यह गठबंधन सात सीटें आसानी से जीत जाएगा। दूसरी ओर सपा गठबंधन के पास 125 विधायक हैं। अत: सपा गठबंधन की 3 सीटों पर जीत सुनिश्चित है। हालांकि 11वीं सीट के लिए दोनों गठबंधनों के बीच खींचतान होगी।