यूपी80 न्यूज, लखनऊ
लोकसभा चुनाव को लेकर हुई बहुजन समाज पार्टी BSP की बैठक बाद बसपा का स्टैंड क्लियर हो गया है, बसपा अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उसे न एनडीए का साथ पसन्द है और न ही ‘इंडिया I.N.D.I.A.’ का। बसपा सुप्रीमो मायावती Mayawati ने संगठन को कैडर और छोटी-छोटी बैठकों के आधार पर गांव-गांव में मजबूत बनाने और अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए निर्देश दिए। सर्वसमाज में जनाधार बढ़ाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों, प्रभारियों व अन्य जिम्मेदार लोगों के साथ मिलकर पुरानी कमियों को दूर करने को कहा है।
बसपा सुप्रीमो ने आम चुनाव में गठबंधन को लेकर भी अपना पक्ष एकदम साफ कर दिया है। मायावती ने कहा पार्टी को अपने उम्मीदवारों के चयन में सावधानी बरतनी होगी। लोकसभा चुनाव में पार्टी सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव में उतरेगी। बसपा प्रमुख ने कहा, ‘गठबंधन की वजह से लाभ की बजाय पार्टी को नुकसान ज्यादा उठाना पड़ा है। बसपा का वोट तो स्पष्ट तौर पर गठबंधन वाली दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन दूसरी पार्टियां अपना वोट बसपा उम्मीदवारों को ट्रांसफर कराने की न सही नीयत रखती हैं और न ही क्षमता, बसपा के लोगों का मनोबल प्रभावित होता है, इसलिए बसपा सत्ता या विपक्ष दोनों गठबंधनों से दूर है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी की संकीर्ण जातिवादी व सांप्रदायिक राजनीति, द्वेषपूर्व व अराजकता को प्रश्रय देने की वजह से सभी लोगों का जीवन त्रस्त और दुखी है। बीजेपी अब अपना प्रभाव ही नहीं बल्कि अपना जनाधार भी खो रही है, जिसकी वजह से इस बार लोकसभा चुनाव एकरफा नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव देश की राजनीति को नई करवट देने वाला साबित होगा।
बसपा प्रमुख ने कहा, कांग्रेस की तरह भाजपा की कथनी व करनी में जमीन आसमान का अंतर है। इनके राज में आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया हो गया है। मुट्ठीभर लोगों को छोड़कर बाकी सभी लोगों का खासकर बहुजन परिवारों के सामने पालन पोषण की कठिनाई हो रही है। इन सबका प्रभाव आगामी लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा।
बसपा ने चुनाव को देखते हुए संगठन में कुछ फेरबदल किए हैं जिसे लेकर मायावती ने कहा यूपी जैसे बड़े व राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य होने के कारण राजनीतिक हालात बदलते रहते हैं, इसलिए फेरबदल की जरूरत पड़ती रहती है। जिसे जो जिम्मेदारी दी जाये उसे कम न आंका जाए बल्कि पार्टी हित में सर्वोपरि मानकर ईमानदारी से जिम्मदारी को निभाते रहें।