सपा में शामिल होने की लगाई जा रही हैं अटकलें, सीएम योगी का धुर विरोधी है हरिशंकर तिवारी का परिवार
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोरखपुर दौरा से पहले पूर्वांचल की सियासी हलचल तेज हो गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूर्वांचल के बाहुबली कहे जाने वाले ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी के दोनों पुत्रों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। हरिशंकर तिवारी के छोटे पुत्र एवं विधायक विनय शंकर तिवारी और उनके बड़े पुत्र एवं संत कबीर नगर से पूर्व सांसद कुशल तिवारी के अलावा उनके भांजे पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय को पार्टी से निकाल दिया गया है। माना जा रहा है कि हरिशंकर तिवारी के दोनों पुत्र समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
बसपा के गोरखपुर के मुख्य सेक्टर प्रभारी सुधीर कुमार भारती ने इनके खिलाफ अनुशासनहीनता के आरोप में कार्रवाई की है। सुधीर भारती ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से ये लोग पार्टी के किसी कार्यक्रम में न तो रुचि ले रहे थे न ही सम्मिलित हुए।
बता दें कि हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल का एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं। बसपा में शामिल होने से गोरखपुर मंडल सहित पूर्वांचल में दलित-ब्राह्मण गठजोड़ मजबूत हुआ। इनके छोटे पुत्र विनय शंकर तिवारी ने 2017 में मोदी लहर के बावजूद गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा से विधायक चुने गए। ये गोरखपुर जनपद में इकलौते गैर भाजपायी विधायक हैं।
पढ़ते रहिए www.up80.online पूर्वांचल के कद्दावर नेता हरिशंकर तिवारी का परिवार सपा में हो सकता है शामिल!
बलिया में पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं विनय शंकर तिवारी:
हरिशंकर तिवारी का परिवार 13 साल पहले बसपा में शामिल हुआ। 2008 में विनय शंकर तिवारी ने बलिया में लोकसभा उपचुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इनके बड़े पुत्र कुशल तिवारी संत कबीरनगर से बसपा के टिकट पर दो बार सांसद चुने गए। लेकिन 2014 में मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।