जिला व क्षेत्रीय पदाधिकारियों को भी मिल सकता है मौका
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
योगी मंत्रिमंडल विस्तार Yogi cabinet expansion, 12 विधान परिषद सदस्यों का चुनाव और अगले कुछ महीनों में होने वाले पंचायत चुनाव Panchayat election को लेकर उत्तर प्रदेश का राजनीतिक तापमान बढ़ने लगा है। पीएम मोदी PM Modi के करीबी रहे पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा Ex IAS AK Sharma के महज 4 दिन पहले वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृति) लेने और गुरुवार को बीजेपी में शामिल होने से यह तापमान और बढ़ गया है। फिलहाल विधान परिषद सदस्यों MLC के लिए बीजेपी की आने वाली उम्मीदवारों candidates of BJP की लिस्ट पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह Swatantradev Singh, उपमुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा Dr.Dinesh Sharma व काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे लक्ष्मण आचार्य Lakshaman Acharya का विधान परिषद जाना तय है। इनके अलावा गुरुवार को पार्टी में शामिल हुए पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा को भी विधान परिषद भेजने की तैयारी है।
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इन चार चेहरों के अलावा बाराबंकी की पूर्व सांसद प्रियंका रावत को भी विधान परिषद भेजा जा सकता है। लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान प्रियंका रावत का टिकट काट दिया गया था। लेकिन दलित समाज को साधने के लिए पिछले साल पार्टी ने 35 वर्षीय इस युवा नेत्री को प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी दी और अब उन्हें एमएलसी बनाया जा सकता है। इनके अलावा जिलों व क्षेत्रीय संगठनों से भी पदाधिकारियों को विधान परिषद भेजा जा सकता है। आला कमान के इस निर्णय से पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों में एक सकारात्मक संदेश जाएगा।
उधर, समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री अहमद हसन और पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाकर लड़ाई को रोचक बना दिया है। समाजवादी पार्टी का एक प्रत्याशी तो आसानी से जीत जाएगा, लेकिन दूसरे प्रत्याशी के मैदान में आने से 11वीं सीट को लेकर सपा और भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई होने की संभावना है। अब देखना यह है कि इस जंग में बसपा का क्या रूख रहता है।
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