बलिराम सिंह, लखनऊ
बिजली विभाग में भ्रष्टाचार किस कदर फैला हुआ है, शायद इसका अंदाजा आप सभी को नहीं होगा। यदि आप सजग व सावधान नहीं हैं तो आपकी हजार रुपए की बिल को करोड़ों रुपए में बदल दिया जाएगा। ऐसा ही एक मामला बस्ती जनपद का प्रकाश में आया है। इस मामले में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के संज्ञान में आने पर संबंधित बिजली कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
ऊर्जा मंत्री को मंगलवार को देर रात्रि जानकारी मिली कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अंतर्गत कार्यालय अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड हरैया जनपद बस्ती के 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र हरैया के तहत् ग्राम रम सुकरौली चौधरी के विद्युत् उपभोक्ता मोलहू को विभाग द्वारा जनवरी माह का 07 करोड़ 03 लाख 21 हज़ार एक सौ उन्नीस रुपए का विद्युत् बिल दिया गया है। संबंधित विद्युत उपभोक्ता का जनवरी माह का विद्युत बिल आरडीएफ था, जिसका कुल बकाया धनराशि 65,229 रुपए थी, जिसको 17 जनवरी को उक्त उपभोक्ता का बिल हरैया उपखंड के कार्यकारी सहायक दीपक कुमार तिवारी के द्वारा संशोधित किया गया था, जिसे त्रुटि बस असेस्ड यूनिट 12174210 किलोवाट अंकित कर दिया गया, जिसको उपखंड अधिकारी द्वारा अप्रूव्ड भी कर दिया गया, जिससे उपभोक्ता का बिल 70321119 रुपए हो गया। इसके पश्चात उपभोक्ता द्वारा इसकी शिकायत करने के बाद बिल को पुनः उपखंड अधिकारी द्वारा 03 फरवरी को संशोधित किया गया और संशोधित बिल 27,274 रुपए बनाकर उपभोक्ता को दिया गया।
इस मामले में कार्यकारी सहायक दीपक कुमार तिवारी के द्वारा बिल संशोधन में की गई लापरवाही को प्रथम दृष्टि दोषी पाए जाने पर एचडी पूर्वांचल शंभू कुमार द्वारा तत्काल प्रभाव से दोषी कार्मिक को निलंबित कर उसके ख़िलाफ़ अग्रेत्तर और अनुशासनात्मक कार्रवाई संस्तुति कर दी गई है। निलंबन उपरांत संबंधित कार्यकारी सहायक को कार्यालय मुख्य अभियंता (वि०) प्रयागराज प्रथम क्षेत्र से सम्बद्ध कर दिया गया है।
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