मध्य प्रदेश , झारखंड सहित कई राज्यों में राज्यपालों की होनी है नियुक्ति, पूर्व नौकरशाहों की बजाय राजनीतिज्ञों की नियुक्ति पर जोर
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव का प्रतिकूल असर पांच दूसरे राज्यों में भी पड़ रहा है। इन राज्यों में राज्यपाल की नियुक्ति लटकी हुई है। जबकि वहां आम चुनाव नहीं है। माना जा रहा है कि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही दूसरे पांच राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति की जाएगी। इनमें मध्य प्रदेश, झारखंड जैसे प्रमुख राज्य शामिल हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का पिछले साल जुलाई में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद वहां नए राज्यपाल की नियुक्ति नहीं की गई। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसी तरह झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल एक साल पहले ही समाप्त हो गया था, लेकिन वह एक्सटेंशन पर राजभवन में अभी भी कायम हैं। इनके अलावा पुडुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी को उनका कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही उन्हें पद से हटा दिया गया। वहां का अतिरिक्त कार्यभार तेलंगाना की राज्यपाल तमिल साई सौंदर्यराजन को दिया गया है। इसी तरह लक्षद्वीप के प्रशासक दिनेश्वर शर्मा की पिछले साल दिसंबर में निधन होने के बाद वहां का राजभवन भी खाली पड़ा है। इनके अलावा दादर नगर हवेली के लोकसभा सांसद मोहन देलकर ने अपने सुसाइड नोट में राज्य के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल पर आरोप लगाए थे। इससे वह विवाद में आ गए हैं। उनकी जगह पर किसी अन्य को वहां का प्रशासक बनाया जाना तय है।
राजनीतिज्ञों को ही मिलेगी राजभवन की जिम्मेदारी:
उधर, जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल के तौर पर मनोज सिन्हा के कामकाज को देखते हुए पूर्व नौकरशाहों और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों की बजाय सरकार की सोच अब राजनीतिज्ञों को ही राजभवन भेजने की बनी है। इसीलिए लक्षद्वीप, पुडुचेरी और दादर नगर हवेली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में राजनीतिज्ञों के ही केंद्र का प्रतिनिधि बनने की संभावना है।
साभार: www.darbhangatimes.com