सीएम योगी से मिली मनीष गुप्ता की पत्नी, सीएम ने मीनाक्षी गुप्ता को सरकारी नौकरी सहित हर संभव मदद का दिया आश्वासन, विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार
यूपी80 न्यूज, कानपुर
गोरखपुर स्थित होटल में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हुई हत्या मामले में योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस हत्याकांड की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने इस मामले में मनीष गुप्ता के परिजनों से कानपुर स्थित उनके घर जाकर मुलाकात की है और पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस घटन की निंदा करते हुए दोषी पुलिसवालों को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय, सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद देने की मांग की है। बसपा सुप्रीमो पिछले दो दिनों से इस घटना पर लगातार नजर रखी हुई हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना की निंदा करते हुए उत्तर प्रदेश में जंगलराज बताया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मनीष गुप्ता की मौत पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा,
“गोरखपुर में भाजपा सरकार की हिंसक प्रवृति के शिकार हुए कानपुर के युवा व्यापारी स्व.मनीष गुप्ता जी के शोक संतप्त परिवार के साथ आज दुख साझा किया। इस हत्याकांड की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो और परिवार को यथोचित न्याय मिले। इस हत्या के लिए उप्र का शासन-प्रशासन बराबर का दोषी है।”

हालांकि सपा कार्यकर्ता सुबह में ही मनीष गुप्ता के घर के बाहर इकट्ठा हो गए और यूपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तो मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने उन्हें इस मामले का राजनीतिकरण न करने की अपील की।
सीएम योगी से मिली मीनाक्षी गुप्ता:
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गुरुवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने मीनाक्षी गुप्ता को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है।

बता दें कि सोमवार-मंगलवार की रात गोरखपुर स्थित एक होटल में पुलिस की जांच के बाद मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। होटल में ठहरे मनीष गुप्ता के दोस्त का कहना है कि देर रात जांच को लेकर मनीष द्वारा सवाल पूछे जाने पर पुलिसवाले भड़क गए और उसे पीटने लगे। बाद में उसकी मौत हो गई।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान:
मनीष गुप्ता के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केस दर्ज कर लिया है। एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस मामले में आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की थी। पत्र के जरिए आरोप लगाया गया है कि गोरखपुर के इस चर्चित प्रकरण में पुलिस लीपा-पोती की कोशिश कर रही है, जबकि मृतक मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट कुछ और कह रही है।
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