बिहार के सिंहासन पर कब्जा करने के लिए पीके रखेंगे 10 साल का टारगेट
यूपी80 न्यूज, पटना
कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Nitish Kumar के बेहद करीबी रहे प्रशांत किशोर Prashant Kishor अब अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं। प्रशांत किशोर Prashant Kishor ऊर्फ पीके PK नए साल में अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे और पंचायत चुनाव Panchayat Chunav में जोर-आजमाइश करेंगे। बिहार में मार्च में पंचायत चुनाव Panchayat election होने के आसार हैं। प्रशांत किशोर के इस ख्वाब को पूरा करने में उनकी कंपनी आईपैक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
बता दें कि लालू यादव और नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद बिहार में नई पीढ़ी के राजनीति में पदार्पण की शुरूआत हो गई है। राजद से तेजस्वी यादव, लोजपा से चिराग पासवान पार्टी की कमान संभाल चुके हैं। लेकिन इस मामले में अभी तक जनता दल (यू) की तरफ से कोई चेहरा नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश कुमार का विकल्प के तौर पर प्रशांत किशोर खुद को स्थापित करना चाहते हैं। बिहार की सत्ता पर काबिज करने के लिए अर्थात मुख्यमंत्री के लिए उनके रणनीतिकार 10 साल का टारगेट लेकर चलेंगे। अगले 10 सालों में लालू यादव व नीतीश कुमार 80 साल के हो जाएंगे। ऐसे में प्रशांत किशोर के करीबियों का मानना है कि 10 साल बाद की परिस्थितियां पीके के अनुकूल होंगी।
पढ़ते रहिए www.up80.online बिहार चुनाव: महिलाओं ने नीतीश कुमार को बनाया ‘बाजीगर’
जानकारी के अनुसार जदयू में रहते हुए प्रशांत किशोर ने बिहार में अपनी जमीन बनानी शुरू कर दी थी। पीके ने ग्रामीण स्तर पर मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति के सदस्य, जिला पार्षद, ब्लॉक प्रमुख, जिला प्रमुख, जिला परिषद जैसे पदाधिकारियों के सीधे संपर्क में थे। माना जा रहा है कि इनमें से कुछ पदाधिकारी पीके के साथ आएंगे। बिहार में पंचायती राज के तहत कुल 8400 पदों पर चुनाव होगा। इनमें से 3 हजार पदाधिकारियों को प्रशांत किशोर ने जदयू में शामिल कराया था। ये आज भी पीके और उनकी कंपनी आईपैक के संपर्क में हैं।
बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट:
जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार को कमजोर करने और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को आइडिया देने वालों में प्रशांत किशोर की महत्वपूर्ण भूमिका थी। बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट का आइडिया प्रशांत किशोर ने ही चिराग को दिया था।
पढ़ते रहिए www.up80.online बिहार में सिंचाई के लिए अब किसानों को नहीं मिलेगा डीजल अनुदान
दलगत आधारित होगा पंचायत चुनाव:
जानकारी के अनुसार इस बार भाजपा के दबाव में बिहार में दलगत आधारित पंचायत चुनाव की चर्चा है। ऐसे में प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी को स्थापित करने में मदद मिलेगी। इस बार यह विभाग भी बीजेपी के कोटे से मंत्री बनी उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के पास है। बता दें कि जेपी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा पीटूपी (पंचायत टू पार्लियामेंट) फॉर्मूले पर काम कर रही है। इसके तहत भाजपा पंचायत से संसद तक विस्तार में लगी है।
साभार: www.darbhangatimes.com