-26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल करेंगे श्रमिक संगठन
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि मोदी सरकार मजदूर व कामकाजी तबके के शोषण के लिए नई तरह की गुलामी को बढ़ावा दे रही है। नए श्रमिक विरोधी कानून से आर्थिक गुलामी को बढ़ावा मिलेगा और 41 लाख नौकरियां खत्म हो जाएंगी। नए श्रम कानून के खिलाफ देशभर की तमाम श्रमिक संगठन 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।
कांग्रेस नेता ने कहा है कि भारत में गुलामी प्रथा एक सदी पहले खत्म हो चुकी है। लेकिन मोदी सरकार ने ‘पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य व काम करने की स्थिति (ओएसएच) संहिता-2020’ द्वारा ‘मजदूरों एवं कामकाजी तबके’ की ‘आर्थिक गुलामी’ की व्यवस्था को फिर से पेश कर दिया है।
कमजोर मजदूर व कामकाजी तबके का शोषण:
नए नियमों के अंतर्गत नियम 28 से फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के लिए 12 घंटे की शिफ्ट का प्रावधान किया जा रहा है, जिससे उनके पास फैक्ट्री आने के लिए घंटो तक का सफर करने, आराम करने, घर के काम करने या फिर परिवार को देने के लिए समय ही नहीं बचेगा और उनके काम व जीवन का संतुलन बिगड़ जाएगा। इससे भारत में मजदूर एवं कर्मचारी वर्ग की शारीरिक एवं मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।
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बेरोजगारी बढ़ेगी:
मोदी सरकार के मजदूर विरोधी नियमों से भारत में इस समय फैक्ट्रियों में काम कर रहे एक तिहाई कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं बचेगा और वो बेरोजगार हो जाएंगे, क्योंकि उद्योग मौजूदा ‘तीन शिफ्ट’ में काम करने की व्यवस्था की जगह ‘दो शिफ्ट’ में काम करने की व्यवस्था लागू कर देंगे।
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 में किए गए एक सर्वे के अनुसार भारत में अकेले संगठित क्षेत्र में 12224402 कर्मचारी फैक्ट्रियों में काम कर रहे थे। लेकिन अब नए नियमों के तहत काम के घंटे बढ़ा दिए जाने के बाद एक तिहाई यानि लगभग 4065000 कर्मचारी फौरन बेरोजगार हो जाएंगे। नए नियम 5 के तहत नियोक्ता कर्मचारियों को प्रतिदिन 12 घंटे से भी ज्यादा काम करने को मजबूर कर सकता है।
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) ने मांग की है कि इन नियमों पर पुनर्विचार किया जाए और सभी श्रमिक संगठनों एवं संबंधित पक्षों से बातचीत की जाए, तब तक के लिए इन नियमों को लागू नहीं किया जाए।
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