पिछड़ी जाति OBC से आने वाली आकांक्षा सिंह रोज 70 किमी तय कर गोरखपुर कोचिंग करने जाती थी
बलिराम सिंह, लखनऊ/कुशीनगर
प्रतिभा वर्मा Pratibha Verma (आईएएस IAS टॉपर), कौमुदी उमराव Kaumudi Umrao (क्लैट CLAT पीजी टॉपर) , अर्चना पटेल Archana Patel (बीएचयू कॉमर्स एंट्रेंस टॉपर) और अब आकांक्षा सिंह। इन सभी बेटियों में एक समानता है। ये सभी बेटियों ने देश की प्रतिष्ठित परीक्षाओं में सर्वोच्च स्थान हासिल किया है और पिछड़ी जाति OBC (कुर्मी Kurmi) से आती हैं। भगवान बुद्ध की धरती कुशीनगर के अभिनायकपुर की रहने वाली आकांक्षा सिंह Akanksha Singh ने मेडिकल की नीट NEET परीक्षा में 720 में 720 अंक हासिल किया है। हालांकि उम्र कम होने की वजह से आकांक्षा को दूसरा रैंक मिला है। पहले रैंक पर उड़ीसा के शोएब अफताब (720 में से 720 अंक) ने पहला रैंक प्राप्त किया है।
बता दें कि आकांक्षा के परिवार में शुक्रवार को एक साथ दोहरी खुशी आई है। एयरफोर्स से वीआरएस लेने वाले पिता को शिक्षक भर्ती में नियुक्ति पत्र मिला तो बिटिया ने नीट में पूरे देश में टॉप कर अपने परिवार, समाज व गांव का नाम रौशन किया है।
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आकांक्षा के पिता राजेंद्र सिंह एयरफोर्स में सैनिक थे। वीआरएस लेने के बाद बेटी की पढ़ाई के लिए दिल्ली में बेटी के साथ रहते थें। आकांक्षा की मां रुचि सिंह सरकारी जूनियर स्कूल में प्रधानाध्यापिका हैं। आकांक्षा ने हाई स्कूल की शिक्षा नवजीवन मिशन कसया से और इंटर की पढ़ाई दिल्ली पूरी की है।
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आकांक्षा जब हाईस्कूल में थी, तो उस दौरान नीट की तैयारी के लिए उसे कोचिंग के लिए रोजाना कुशीनगर से गोरखपुर 70 किमी की यात्रा करनी पड़ती थी। इस दौरान उसे रोजाना 4 घंटे यात्रा करना पड़ता था।
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