Saturday, November 23, 2024

न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाया जाए: भाकियू

भाकियू प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी से की मुलाकात, गन्ने का मूल्य 450 रुपए प्रति क्विंटल करने व बकाया भुगतान की मांग की

यूपी80 न्यूज, लखनऊ

उत्तर प्रदेश के किसानों Farmers का बकाया गन्ना Sugar cane भुगतान सहित कई ज्वलंत समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन Bharatiya Kisan Union के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.राकेश टिकैत Ch Rakesh Tikait के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ CM Yogi Adityanath से मुलाकात की।

प्रतिनिधिमंडल ने गन्ना भुगतान, गन्ने का मूल्य बढ़ाये जाने, शुगर केन एक्ट धारा (17) 3 को समाप्त किए जाने, प्रदेश में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 Land acquisition Act 2013 के अनुसार किसानों को मुआवजा न दिए जाने व बिना मुआवजा दिए किसानों की तैयार फसलों को नष्ट किए जाने का मामला मुख्यमंत्री के सामने रखा। मुख्यमंत्री योगी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि नए सत्र की शुरूआत से पहले किसानों का गन्ना भुगतान कराया जाएगा। साथ ही परियोजनाओं के निर्माण में अधिग्रहित जमीन पर कब्जा लेने के लिए फसल काटने हेतु किसानों को पर्याप्त समय दिया जाएगा।

प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मैनपाल सिंह चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा, बरेली मंडल के अध्यक्ष सरदार अजीत सिंह शामिल थे।

मुख्यमंत्री से की गई मुख्य मांगें:

1.पिछले 2  सालों से गन्ना मूल्य न बढ़ने के कारण उत्पादन लागत में वृद्धि हुई है, जिसके चलते गन्ना किसानों को घाटा हो रहा है। आगामी सत्र में गन्ने का मूल्य 450 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए।

2.गन्ना खरीद के उपरांत 14 दिन के अंदर गन्ने के भुगतान न करने पर लंबित अवधि के ब्याज सहित गन्ना किसानों का बकाया गन्ना भुगतान अविलंब कराया जाए। प्रत्येक गन्ना किसान की लेखा-जोखा हेतु गन्ना पासबुक जारी किए जाएं।

3.यूपी गन्ना (आपूर्ति और खरीद विनियमन) अधिनियम, 1953 की धारा 17 (3) के संदर्भ में ब्याज माफ करने गन्ना आयुक्त में निहित है।

4.किसानों के सामान्य योजना के स्वीकृत नलकूप कनैक्शन का सामान दिये जाने हेतु अविलम्ब लक्ष्य जारी किया जाए। डार्क जोन में अनियमित रूप से चलाये जा रहे निजी नलकूप के संयोजन नियमितीकरण हेतु पुनः 3 माह का समय दिया जाए।

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किसान संगठन बीकेयू के प्रतिनिधियों ने सीएम योगी से की मुलाकात

5.किसानों के निजी नलकूप के आवेदन सामान्य योजना की छूट के कारण नहीं मिल पा रहे हैं। सभी आवेदक किसानों को तुरंत कनेक्शन दिए जाएं। बिजली विभाग की गलती के कारण हजारों ग्रामीण उपभोक्ता बिल संशोधन हेतु चक्कर लगाते रहते हैं। गलत बिल भेजने वालों पर कार्यवाही की जाए।

6.प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में निजी नलकूप एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बिजली बिलों में भारी वृद्धि हुई है। जिसे कम किया जाना आवश्यक है। किसानों के बिजली बिल की दरें कम की जाएं।

7.किसान सम्मान निधि का लाभ प्रदेश के सभी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। राज्य सरकार द्वारा भी इसमें अंशदान देते हुए इसे 12 हजार रूपये सालाना किया जाए।

पढ़ते रहिए www.up80.online कृषि अध्यादेश के खिलाफ 25 सितंबर को देशभर में चक्का जाम करेगी भाकियू

8.भारत सरकार द्वारा संसद में पास किये गये तीन कृषि कानून के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी कानून बनाया जाए। इसकी अनुशंसा भारत सरकार से की जाए। मण्डी के बाहर किसान के खेत को छोड़कर अन्य जगह हो रही खरीद पर भी मण्डी टैक्स लगाया जाए।

9.किसान ऋण मोचन योजना के अन्तर्गत पात्र लम्बित प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर किसानों की राशि जारी की जाए।

10.प्रदेश में चालान के नाम पर पुलिस द्वारा कोविड-19 से लेकर आज तक उत्पीड़न जारी है।

11.उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर के अन्तर्गत बडे़ पैमाने पर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। सभी जगह किसानों को भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा एवं अधिकार, सुधार तथा पुनर्वास 2013 में संशोधन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। दोनों विभागों द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का उल्लंघन किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की अनुसूची 2 व 3 का लाभ दिया जाए।

12.भूमि अधिग्रहण अवार्ड में कानून के विरूद्ध बिना फसल का मुआवजा दिये मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, मिर्जापुर, सहारनपुर, शामली में किसानों की तैयार फसलों को नष्ट कर दिया गया है। ऐसा करने वाले जिम्मेदार व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए एवं किसानों को नष्ट की गयी फसलों का मुआवजा दिलाया जाए।

13.प्रदेश में कृषि रक्षा केन्द्रों पर कृषि रसायन उपलब्ध करायें जाएं। सभी जनपदों में यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

14.जंगली जानवरों व अन्न प्रथा से किसानों को राहत दी जाए। गौशालाओं का संचालन सुचारू किया जाए।

15.सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार किसानों को पराली/गन्ना पत्ती के निस्तारण हेतु 3000 रुपये एकड़ दिया जाए और कम्बाईन्ड से एसएमएस (स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) लगाये जाने की बाध्यता को समाप्त किया जाए।

16. उत्तर प्रदेश में किसान पर दर्ज फर्जी मुकदमों को वापिस लिया जाए।

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