AIKSCC के नेतृत्व में देश के हर कोने में हर गांव में 30 सितंबर तक प्रदर्शन करेंगे किसान farmers
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
कृषि संबंधी 3 अध्यादेश agriculture ordinance को वापस लेने की मांग को लेकर अब किसान संगठन 30 सितंबर तक गांव से लेकर संसद भवन पर प्रदर्शन करेंगे। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति AIKSCC के नेतृत्व में चल रहे इस विरोध प्रदर्शन में देशभर के किसान संगठन शामिल हैं। इस ज्वंलत मुद्दा को लेकर समिति ने देश के सांसदों Members of Parliament को पत्र लिखकर सहयोग की अपील की है।
किसान संगठन तीन कृषि अध्यादेश वापस लेने, पेट्रोल की कीमतें आधी करने और प्रस्तावित बिजली बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
संसद भवन पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का नारा:
“अपनी मंडी-अपना दाम, जय जवान जय किसान,
कॉरपोरेट भगाओ, देश बचाओ।”
“किसान विरोधी अध्यादेश वापस लो,
संयम से आए हैं संयम से जाएंगे।”

स्वराज इंडिया Swaraj India के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव Yogendra Yadav कहते हैं कि हमारे देश में जय जवान-जय किसान का नारा दिया जाता है, लेकिन वर्तमान में सरकार विरोधी नीतियों की वजह से किसान आत्महत्या करने को मजबूर है।
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अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वीएम सिंह VM singh ने कहा कि किसानों के इस ज्वलंत मांग को लेकर यह प्रदर्शन 30 सितंबर तक चलेगा। इन मांगों को लेकर किसान भाई देश के हर कोने में हर गांव में प्रदर्शन कर रहे हैं।
ये हैं तीनों अध्यादेश:
आवश्यक वस्तुओं का अध्यादेश, अनाज, दलहन, तिलहन, आलू, प्याज को व्यापार प्रतिबंधों व कीमत नियंत्रण से मुक्त करता है।
दूसरा मंडी समितियों का अध्यादेश कम्पनियों, ठेकेदारों व सूदखोरों द्वारा किसानों से सीधी खरीद करने की असीमित अनुमति देता है।
तीसरा किसानों को कारपोरेट के साथ अनुबंधों में बांध कर उन्हें मंहगी लागत खरीदने और कम्पनी के नाम अपनी सारी फसल को बंधक रखने के लिए बाध्य करता है, जिसमें उनके साथ धोखाधड़ी व हेराफेरी के खिलाफ सारी सरकारी सुरक्षा समाप्त हो जाएगी। ये कारपोरेट किसानों से सस्ते दाम पर फसल खरीदेंगे और उसे मंहगे रेट पर उपभोक्ता को बेचेंगे। ये अध्यादेश संकटग्रस्त बड़े कारपोरेट को मदद देने के लिए बुलाए गये हैं, ताकि ये उस एकमात्र क्षेत्र को निचोड़ सकें, जो मोदी सरकार के अनुसार सन् 2020-21 की पहली तिमाही में 3.4 फीसदी की वृद्धि की है।
मोदी सरकार का बिजली कानून, सभी लोगों के लिए बिजली दर 10 रुपये यूनिट से ज्यादा कर देगा।
मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के 6 वर्षों में डीजल व पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 28 व 24 रुपये लीटर से बढ़ाई है। आज उपभोक्ता 1 लीटर पर 52 रुपये का टैक्स देते हैं, जबकि कच्चे तेल के दाम 106 रुपये से घट कर 40 रुपये पर आ गये।
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