भारतीय किसान यूनियन ने कहा- अध्यादेश लागू करना यानी कंपनी राज की वापसी
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
कृषि संबंधी तीन अध्यादेशों 3 ordinance related to agriculture के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) BKU Tikait के नेतृत्व में किसानों ने सोमवार को दिल्ली के जंतर मंतर Jantar Mantar की तरफ कूच किया। लेकिन किसानों को दिल्ली के अलग-अलग सीमाओं पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने रोक दिया गया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की तरफ से आए किसानों को यूपी गेट के पास गाजीपुर बार्डर पर रोक दिया गया। परिणामस्वरूप नाराज किसानों ने यूपी गेट पर ही धरना पर बैठ गए। उधर, हरियाणा और पंजाब से आने वाले किसानों Farmers को रोक कर नरेला थाने में दिल्ली पुलिस ले गई।
पुलिस प्रशासन के इस रवैया से किसानों में गहरी नाराजगी है। शांतिपूर्वक प्रदर्शन से रोके जाने पर किसानों ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत Ch. Rakesh Tikait के नेतृत्व में चले चार घंटे प्रदर्शन के बाद पुलिस ने किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल को लेकर कृषि भवन पहुंची और प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में अपना मांग पत्र दिया।
कृषि मंत्रालय के जरिए पीएम मोदी को ज्ञापन सौंपा:
भारतीय किसान यूनियन ने अपने ज्ञापन के जरिए पीएम से इन तीनों अध्यादेशों को वापस लेने की मांग की है। यूनियन इन अध्यादेशों को कृषि क्षेत्र में कंपनी राज के रूप में देख रही है। कुछ राज्य सरकारों द्वारा भी इसको संघीय ढांचे का उल्लंघन मानते हुए इन्हें वापिस लिए जाने की मांग कर रही हैं। किसानों को इन कानून से कंपनी का बंधुआ बनाए जाने का खतरा सता रहा है। कृषि में कानून नियंत्रण, मुक्त विपणन, भंडारण, आयात-निर्यात, किसान हित में नहीं है। इसका खामियाजा देश के किसान विश्व व्यापार संगठन के रूप में भी भुगत रहे हैं। यूनियन ने अपने ज्ञापन में कहा है कि देश में 1943-44 में बंगाल के सूखे के समय ईस्ट इंडिया कंपनी के अनाज भंडारण के कारण 40 लाख लोग भूख से मर गए थे।

भारतीय किसान यूनियन की तीन प्रमुख मांगें:
1.(अ) कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार अध्यादेश 2020
(ब) कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अध्यादेश 2020
(स) आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन अध्यादेश 2020
कृषि और किसान विरोधी तीनों अध्यादेशों को तुरंत वापिस लिया जाये।
2.न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों पर (फल और सब्जी) लागू करते हुए कानून बनाया जाये। समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदी हो अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाये।
इस मौके पर बुलंदशहर के जिलाध्यक्ष गुड्डू प्रधान, बिजनौर के जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह, मुजफ्फरनगर के जिलाध्यक्ष धीरज भाटिया, शामली के जिलाध्यक्ष कपिल खतियान, गाजियाबाद के जिलाध्यक्ष विजेंद्र सिंह, सहारनपुर मंडल के मंडल अध्यक्ष भंवर सिंह, मेरठ के मंडल अध्यक्ष पवन खटाना, युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सहित 500 किसानों ने प्रदर्शन में भाग लिया।