कार की बजाय बस से इलाहाबाद से लखनऊ आती थी अंजू कटियार
नई दिल्ली/लखनऊ, 13 जुलाई
एक पत्रकार से पहले मैं एक छात्र के तौर पर अपनी बात शुरू करता हूं। वर्ष 2000 में बीएससी पास करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए मैं दिल्ली चला गया। वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के एक्जाम में एक लड़की ने टॉप किया। उस लड़की का नाम था अंजू कटियार।
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उस दौर में मीडिया में अंजू कटियार की तस्वीरें खूब छपी। अंजू कटियार एक आदर्श के तौर पर हम युवाओं की बीच लोकप्रिय हो गई। अंजू कटियार अधिकारियों के बीच एक सौम्य एवं शालीन अफसर के तौर पर जानी जाती रही हैं।
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चूंकि इन दिनों पेपर लीक मामले में अंजू कटियार को एक विलैन के तौर पर प्रस्तुत किया जा रहा है। तो इन बातों को आपके सम्मुख रखना जरूरी है। आप अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन इससे पहले ये चार बातें भी अवश्य जानिए:
1.अंजू कटियार 2002 बैच की उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की टॉपर हैं
2.लगभग ढाई साल पहले अंजू कटियार का तबादला किया गया। तबादला को लेकर अंजू कटियार खुश नहीं थी, क्योंकि उनके बच्चे बहुत छोटे थे।
3.इलाहाबाद में परीक्षा नियंत्रक के तौर पर तैनाती के बाद से अब तक अंजू कटियार कई बार अपने तबादले को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से अपील कर चुकी थीं
4.इलाहाबाद से लखनऊ आते समय अंजू कटियार अधिकांशत: चार पहिया सरकारी वाहन की बजाय सरकारी बस से आना-जाना ज्यादा पसंद करती थीं। ताकि पैसे का दूरुपयोग न हो।
इन चार बिंदुओं को जानने के बाद अंजू कटियार के बारे में आप खुद फैसला कर सकते हैं। फिलहाल अदालत के फैसले का इंतजार कीजिए और पुलिसिया जांच पर नजर रखिए।
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