पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
प्रतापगढ़ के गोविंदपुर-परसठ गांव में पिछड़ी जाति (कुर्मी) के किसानों पर दबंगों द्वारा किए गए जुल्म मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद अनुप्रिया पटेल के पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रयागराज मंडल के आयुक्त को कार्यवाही करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने 28 मई को इस मामले में प्रयागराज मंडल के आयुक्त को दो सप्ताह में जांच करके आवश्यक कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। बता दें कि इस गंभीर मामले में अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उच्चस्तरीय मजिस्ट्रेट जांच की मांग की थी।
बता दें कि गोविंदपुर-परसठ गांव में 21-22 मई की घटना से पिछड़ी जाति के किसानों में अत्यधिक आक्रोश है। पुलिस की उपस्थिति में दबंगों द्वारा महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों की बुरी तरह से पिटाई एवं उन्हें घर के अंदर से घसीटकर बाहर लाया गया। पीड़ितों के घरों व मवेशियों को जला दिया गया। कुंआ में सामान फेंक दिया गया। सामान लूट लिए गए। इन सबके बावजूद पुलिस ने एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए पीड़ितों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया और उन्हें प्रताड़ित करने लगी। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पिछले सप्ताह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं विधानमंडल दल के नेता नील रतन पटेल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को घटनास्थल पर भेजा था। इस मामले में अनुप्रिया पटेल ने जिला प्रशासन के एक पक्षीय रवैये पर नाराजगी जाहिर की थी। इसी दबाव की वजह से एक सप्ताह पहले प्रतापगढ़ के डीएम ने वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया। उधर, प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री को इस मामले में पत्र लिखकर उच्चस्तरीय मजिस्ट्रेट जांच की मांग की थी। जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने 28 मई को प्रयागराज मंडलायुक्त को जांच का आदेश दिया।
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विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार:
गोविंदपुर-परसठ मामले को लेकर योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई है। प्रदेश के तमाम कुर्मी संगठनों, पिछली जाति के संगठनों एवं कुर्मी समाज के लोगों में इस घटना में पुलिस की एक पक्षीय कार्यवाही से गहरी नाराजगी है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल एस ने जहां दबंगों एवं दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लगातार दबाव बनाने की कोशिश की। पीड़ितों से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजा, उन्हें एक लाख रुपए की आर्थिक मदद की। तत्पश्चात प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अनुप्रिया पटेल ने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने के लिए सीएम योगी को पत्र लिखा।
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वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी इस मामले को लेकर योगी सरकार पर करारा प्रहार किया। दोनों पार्टियों ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल भेजे और प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट के बाद इसे लेकर प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया गया। इसके अलावा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी इस मामले को लेकर काफी नाराजगी जतायी। पिछड़ा वर्ग समाज के अनेक सामाजिक संगठनों ने प्रदेश में पिछड़ों व दलितों का बढ़ रहे उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए योगी सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा किया। बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल यू ने तो इस मामले पर नाराजगी जताते हुए यूपी में जंगलराज तक कह दिया।
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