सड़क हादसे में शहीद हुए जवान अनूप यादव को अश्रुपूर्ण विदाई, “भारत माता की जय” के नारों से गूंजा गांव
यूपी 80 न्यूज़, बेल्थरा रोड
देश सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले बेल्थरा रोड के सोनाडीह गांव के लाल सेना के जवान अनूप यादव (30 वर्ष) का पार्थिव शरीर बुधवार को जब सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से पैतृक गांव पहुंचा, तो हर आंख नम हो उठी।

सेना का वाहन जैसे ही गांव में दाखिल हुआ, “भारत माता की जय” और “अनूप यादव अमर रहें” के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। घर के आंगन में ताबूत पहुंचते ही मां बिंदू देवी, पत्नी स्नेहलता यादव और साला राहुल यादव का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। सीआरपीएफ के जवान बड़े भाई पंकज यादव भी अपने आंसुओं पर कंट्रोल नहीं कर सके। शहीद की गर्भवती पत्नी का ये कहना कि बेटा अब पापा किसे कहेगा, सुनकर माहौल गमगीन हो गया।
सुबह से ही हजारों की संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और अधिकारी शहीद जवान के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। जवान का अंतिम संस्कार सरयू नदी के मठिया गुलौरा तट पर किया गया, जहां पिता हृदय नारायण यादव ने मुखाग्नि दी।
ग्रामीणों ने बताया कि सेना द्वारा हथियार न लाने के कारण उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जा सका, जिससे परिजन व्यथित रहे।
शहीद के बड़े भाई सीआरपीएफ जवान पंकज यादव, जो वर्तमान में रायपुर (छत्तीसगढ़) में तैनात हैं, ने उपजिलाधिकारी शरद चौधरी से पत्नी स्नेहलता को सरकारी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि परिवार को गर्व है कि अनूप ने देश सेवा करते हुए प्राण दिए, लेकिन अब घर की जिम्मेदारी गर्भवती पत्नी और पांच वर्षीय पुत्र आरव के कंधों पर है। इस पर एसडीएम ने मांगपत्र उच्चाधिकारियों को भेजने का आश्वासन दिया।
बता दें कि जवान अनूप यादव सिलीगुड़ी में तैनात थे और सोमवार की रात ड्यूटी के दौरान हुए एक सड़क हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान उन्हें बचाया नहीं जा सका तथा उनकी मौत हो गई थी। उनकी शादी 14 फरवरी 2017 को लैरो (मऊ) निवासी स्नेहलता से हुई थी।
शहीद जवान के अंतिम संस्कार में सांसद रमाशंकर राजभर, एसडीएम शरद चौधरी, सीओ आलोक गुप्ता, सपा के प्रदेश सचिव आद्या शंकर यादव, फौजी दिनेश यादव ‘रक्षक’, रितेश यादव ‘रक्षक’, जनार्दन यादव, रुद्र प्रताप यादव, सोनू यादव, सोनू सिंह, रामाश्रय ‘फाइटर’, पतिराम यादव सहित कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
गांव के युवाओं ने कहा कि अनूप यादव ने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। शाम तक पूरे गांव में सिर्फ एक ही आवाज गूंजती रही,
“भारत माता की जय” अनूप यादव अमर रहें”