यूपी80 न्यूज, लखनऊ
पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने प्रदेश के ऊर्जा निगमों में 17 निदेशकों की भर्ती को लेकर जारी विज्ञापन को तत्काल निरस्त कर वर्ष 2015 में बिजली निगमों में निदेशकों के पदों पर लागू आरक्षण व्यवस्था को बहाल करते हुए पुनः नया विज्ञापन निकालने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा व मुख्य सचिव को संगठन ने पत्र भेजा है।
पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने अपनी मांग दोहराते हुए एक बार फिर मांग उठाई है कि निदेशकों के पदों की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष पर बिल्कुल विचार न किया जाए और पूर्व की व्यवस्था अधिकतम आयु सीमा 62 वर्ष ही रखी जाय जो ऊर्जा निगमों के हित में है।
इस बाबत उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने गुरुवार को एक आपात बैठक बुलायी, जिसमें लिए गए निर्णय के क्रम में दलित व पिछड़ा वर्ग के अभियंताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री, मुख्य सचिव सहित अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को ऊर्जा निगमों में 17 निदेशकों के पदों के लिए निकाले गए विज्ञापन को निरस्त करने की मांग उठाते हुए वर्ष 2015 में लागू आरक्षण की व्यवस्था को लागू करते हुए नया विज्ञापन निकालने की पुरजोर मांग उठाई गई है।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा कि आज प्रदेश के 11 बिजली निगमों में 40 निर्देशकों के पदों पर दलित व पिछड़ा वर्ग के अभियंता अधिकारियों का प्रतिनिधित्व लगभग शून्य है।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष के बी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, सचिव आर पी केन संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, विनय कुमार ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को जो पत्र भेजा गया है उसमें विगत दिनों देश के प्रधानमंत्री जी के हस्तक्षेप के बाद लैटरल एंट्री के 45 पदों के विज्ञापन को निरस्त किए जाने को स्वागत योग कदम बताते हुए उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी 17 निदेशकों के पदों के विज्ञापन को तत्काल निरस्त करने की मांग उठाई गई है। संगठन ने कहा है दलित व पिछडे़ वर्ग के व्यापक हित में वर्ष 2015 में जो आरक्षण की व्यवस्था शुरू की गई थी उसी क्रम में ऊर्जा निगमन में 40 पदों के सापेक्ष आरक्षण की व्यवस्था बहाल करते हुए नए सिरे से रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढाना चाहिए, जिससे दलित व पिछड़ा वर्ग के अभियंताओं का हक सुरक्षित बना रहे।