यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री ने मांग की है कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था Outsourcing system समाप्त किया जाए और रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो गांधीवादी तरीके से आंदोलन किया जाएगा।
महासंघ के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि 13 जनवरी को 10 सूत्री मांग को लेकर अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ बैठक हुई थी, लेकिन आज तक इन मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिसके कारण प्रदेश के कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है। प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह ने बताया कि मुख्य रूप से उन्नीस सौ ग्रेड पर समस्त विभागों में सामूहिक रूप से लागू किए जाने की कार्मिक विभाग द्वारा सहमति जारी किए जाने के बाद ही वित्त विभाग द्वारा अभी तक आदेश निर्गत नहीं किए गए, जबकि प्रदेश के कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से लागू किए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसका स्पष्ट रूप से शासनादेश भी जारी कर दिया गया था, लेकिन विभागों द्वारा इसका लाभ कई विभाग में अभी सामूहिक रूप से नहीं मिल पाया।
संगठन द्वारा मुख्य सचिव कार्मिक से वार्ता के समय अनुरोध किया गया था कि सामूहिक रूप से कर्मचारियों को ग्रेड पे उन्नीस सौ दिए जाने के शासनादेश निर्गत कर दिया जाए, ताकि वेतन विसंगति को दूर किया जा सके। सचिवालय में पीआरडी जवानों को 395 रुपए भुगतान किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री से पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि सचिवालय या अन्य विभागों में कार्य कर रहे पीआरडी जवानों को न्यूनतम 30000 रूपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया जाए, जिससे उनका परिवार आज की महंगाई के दौर में अच्छे से जीवन यापन कर सके। उन्होंने कहा कि विभागों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी होने के कारण राजकीय कार्य प्रभावित हो रहा है। आउटसोर्सिंग व्यवस्था को तत्काल समाप्त किया जाए। विभागों में रिक्त पदों को स्थाई रूप से भरा जाए, उत्तर प्रदेश में साढे़ चार लाख पद रिक्त हैं जो भरे जाएं, जिससे युवाओं को स्थाई रोजगार मिल सके। समय रहते यदि कर्मचारियों की समस्याओं पर विचार नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में गांधीवादी आंदोलन होगा।