यूपी80 न्यूज, प्रयागराज
उमेश पाल अपहरण कांड में एमपी एमएलए कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद Atiq Ahmed को उम्र कैद की सजा सुनाया है। सजा सुनाए जाने के बाद अतीक अहमद बेहोश हो गया। इसके पहले अतीक अपने भाई अशरफ से गले मिलकर रोने लगा था। उधर, वकीलों ने अशरफ को ‘फांसी दो-फांसी दो ‘के नारे भी लगाए। 24 फरवरी को इसी मामले में उमेश पाल ने अपनी अंतिम गवाही दी थी। जिसके बाद उनका पीछा कर उनके घर पर गोलियों एवं बमों से ताबड़तोड़ प्रहार कर दो अंगरक्षकों समेत उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी।
अपराधों का शतक लगा चुके माफिया अतीक अहमद के खिलाफ 40 साल के अपराधिक इतिहास में पहली बार फैसला सुनाया गया। एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायमूर्ति डॉक्टर दिनेश चन्द्र शुक्ल ने अतीक अहमद समेत 3 को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई तथा उसके छोटे भाई अशरफ समेत सात को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया। एक आरोपी इस दौरान गुजर चुका है।
इस फ़ैसले से पहले 40 साल के इतिहास में कोई भी मुकदमा अंजाम तक पहुंचने से पहले उसे अपने साजिश से माफिया गैंग निपटा देता था। 101 मुकदमे की फेहरिस्त में 40 साल में यह पहला मुकदमा है जिसमें फैसला सुनाया गया। अतीक अहमद ने 17 साल की उम्र में सन 82- 83 में अपने विरोधी चांद बाबा को पहली बार मौत के घाट उतार कर सुर्खियों में आया था। उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1989 में उसने पहली बार निर्दलीय विधायक का चुनाव जीता। लगातार छह बार विधायक एवं एक बार फूलपुर से सांसद रहा। उसकी आपराधिक पकड़ और मजबूत होती चली गई। 1992 में पहली बार पुलिस ने उसके गैंग को आईएस 227 सूचीबद्ध करते हुए गैंग लीडर अतीक अहमद को घोषित किया था। लेकिन वह अपराध दर अपराध करता रहा और अवैध रूप से संपत्तियां अर्जित करता रहा। पहली बार उसे सजा सुनाई गई।