यूपी80 न्यूज, वाराणसी
नेहरू युवा केन्द्र वाराणसी द्वारा 14 वां आदिवासी युवा आदान -प्रदान कार्यक्रम का शुभारम्भ मंगलवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शताब्दी सभागार के कृषि विज्ञान संस्थान में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. विजय कुमार शुक्ला एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पुलिस उपायुक्त काशी जोन रामसेवक रहे।
इस दौरान मुख्य अतिथि ने आदिवासी युवाओं को संबोधित करते हुए बताया कि इस विश्वविद्यालय के स्थापना के पीछे महामना मदन मोहन मालवीय जी का सपना था कि यहां पर देश विदेश से युवा अध्ययन करने आयें तथा वे राष्ट्र निर्माता बनकर राष्ट्र निर्माण के कार्यों में अपनी भूमिका निभाएं। विशिष्ट अतिथि डीसीपी काशी जोन रामसेवक जी ने अपने संबोधन में कहा कि युवा भारत के भविष्य हैं। आप लोग आत्मनिर्भर बनें तभी देश का विकास संभव है। आप सब एक दूसरे की संस्कृति से जुड़े और उनके बारे में जानें।
रामसेवक जी ने कहा कि देश में आए विभिन्न विपत्तियों में भी आदिवासी समाज के लोग अपनी संस्कृति को संजोकर रखे हैं जो काबिले तारीफ एवं अनुकरणीय है। आप सब प्रत्येक समुदाय के लोगों से जुड़े और उनके संस्कृति के बारे में जानकारी हासिल करें। काशी कि धरती वह धरती है जहां हर विषय वस्तु की अलग पहचान है।
नेहरू युवा केन्द्र के उपनिदेशक अनिल कुमार सिंह ने देश के विभिन्न प्रांतों से आए युवाओं का स्वागत करते हुए सात दिवसीय आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला तथा आये हुए युवाओं को राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। डा. अनुपम नेमा अधिष्ठाता काशी हिंदू विश्वविद्यालय व राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम डा. बाला लखेंद्र, सहायक आयुक्त प्रवीण कुमार सिंह, सहायक कमांडेंट सीआरपीएफ विनोद कुमार सिंह ने भी युवाओं के बीच अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर मुख्य रूप से जिला युवा अधिकारी निखिल गुप्ता, जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे ऐश्वर्या मिश्रा, लेखा एवं कार्यक्रम सहायक सुभाष प्रजापति, लेखा एवं कार्यक्रम सहायक विकास चौरसिया, शाहनाज श्रीवास्तव, राजीव कुमार विभिन्न विकास खंडों के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों सहित समस्त प्रतिभागी उपस्थित रहे।