केंद्र सरकार ने कहा, “एससी-एसटी को क्रीमी लेयर की अवधारणा में नहीं लाया जा सकता ”
नई दिल्ली, 3 दिसंबर
केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से अपील की है कि अनुसूचित जाति-जनजाति के संपन्न लोगों (क्रीमी लेयर) को आरक्षण के लाभ से बाहर रखने के आदेश पर पुनर्विचार करे। केंद्र सरकार ने इस बाबत उच्चतम न्यायालय से सात सदस्यीय पीठ के पास भेजने का अनुरोध किया है।
अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति को क्रीमी लेयर अवधारणा में नहीं लाया जा सकता। हालांकि इस मामले में मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि एससी-एसटी के संपन्न लोगों को (क्रीमी लेयर) को आरक्षण के लाभ के दायरे में लाया जाए या न लाया जाए इस पर दो सप्ताह बाद विचार किया जाएगा। समता आंदोलन समिति की ओर से इस मामले में याचिका दायर की गई है।
बता दें कि फिलहाल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में क्रीमी लेयर लागू है। ओबीसी वर्ग के संपन्न लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है। बता दें कि पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने जरनैल सिंह केस में सितंबर 2018 में कहा था कि एससी-एसटी के समृद्ध लोगों को सरकारी नौकरी एवं कॉलेज में दाखिले में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता।