यदि चंद अरबपतियों के 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ नहीं होते, तो केंद्र सरकार को खाने-पीने की चीजों पर टैक्स लगाने और अग्रिवीर योजना लाने की जरूरत नहीं पड़ती: अरविंद केजरीवाल
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Narendra Modi पर हमला करते हुए कहा कि देश का पैसा देश की जनता के लिए है। नेताओं के दोस्तों के लोन माफ़ करने के लिए नहीं है। अगर चंद अरबपतियों के 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ नहीं होते, तो केंद्र सरकार को खाने-पीने की चीजों पर टैक्स लगाने और जवानों का पेंशन खत्म करने के लिए अग्निवीर योजना Agniveer Scheme लाने की जरूरत नहीं पड़ती। बता दें कि पिछले महीने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के उद्धाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुफ्त योजनाओं free schemesको रेवड़ी कल्चर Revdi Culture बताते हुए इसे देश के विकास में घातक बताया था। पीएम मोदी के इस बयान के बाद देश में रेवड़ी कल्चर को लेकर बहस शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक तरफ इन्होंने 10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया और दूसरी तरफ बड़ी-बड़ी कंपनियों के 5 लाख करोड़ रुपए का टैक्स भी माफ कर दिया। ये लोग अपने दोस्तों पर सारा सरकारी पैसा उड़ाते हैं और हम ग़रीबों व आम लोगों को देते हैं। आखिर ऐसा क्या हो गया कि केंद्र सरकार सैनिकों को पेंशन भी देने की हालत में नहीं है और पेंशन खत्म करने के लिए अग्निवीर योजना लानी पड़ी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार खाने-पीने की चीजों पर टैक्स लगाया गया है। इससे पहले कभी किसी सरकार ने टैक्स नहीं लगाया।
आज दो गुना इकट्ठा हो रहा है टैक्स:
श्री केजरीवाल ने कहा कि 2014 में केंद्र सरकार जितना टैक्स इकट्ठा करती थी, आज उससे दोगुना-तीन गुना टैक्स इकट्ठा हो रहा है, तो यह सारा पैसा कहां जा रहा है? अगर सारा सरकारी पैसा कुछ चंद लोगों पर उड़ाया जाएगा, तो देश आगे कैसे बढ़ेगा? आज देश का आम नागरिक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
75 सालों से मिल रही हैं फ्री दवाइयां:
सीएम केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जनता को फ्री में मिलने वाली सुविधाओं का जबरदस्त तरीके से विरोध किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगर सरकारें जनता को फ्री में सुविधाएं देंगी, तो सरकारें कंगाल हो जाएंगी और देश के लिए बहुत आफत पैदा हो जाएगी। इन सारी फ्री की सुविधाओं को बंद किया जाए। क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई है? उन्होंने सवाल किया कि इतना जबरदस्त तरीके से जनता को दी जाने वाली फ्री की सुविधाओं का विरोध क्यों किया जा रहा है? पिछले 70-75 साल से सरकारी स्कूलों के अंदर फ्री में शिक्षा मिलती आई है। पिछले 70-75 साल से सरकारी अस्पतालों में गरीबों को फ्री में दवाइयां मिलती आई हैं। हर महीने फ्री राशन दिया जाता है। तो अचानक ऐसा क्या हो गया कि इन सारी चीजों के खिलाफ विरोध पैदा हो गया। केंद्र सरकार की आर्थिक हालत ठीक तो है!
केंद्र सरकार के पास अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए भी पैसा नहीं बचा है, आखिर सारा पैसा कहां गया?- अरविंद केजरीवाल
मनरेगा के बजट में भी कटौती कर दी गई है, केंद्र सरकार कह रही है कि पैसा नहीं है- अरविंद केजरीवाल
केंद्र सरकार पहले देश भर से इकट्ठा हुए टैक्स का 42 फीसद हिस्सा राज्यों को देती थी, जिसे घटाकर 29-30 फीसद कर दिया गया है- अरविंद केजरीवाल
अब ये लोग फ्री का राशन भी बंद करना चाहते हैं, पिछले 75 साल में जितनी भी सरकारें आईं, किसी को भी ऐसा घाटा नहीं हुआ कि फ्री का राशन बंद कर दिया जाए- अरविंद केजरीवाल
2014 में केंद्र सरकार का 20 लाख करोड़ रुपए का बजट था और आज 40 लाख करोड़ का है, यै पैसा कहां जा रहा?, ये लोग अमीर दोस्तों के लोन माफ कर रहे और गरीबों पर टैक्स लगा रहे- अरविंद केजरीवाल