लखनऊ में बैठे-बैठे उपचुनाव लड़ रहे हैं अखिलेश यादव व मायावती
लखनऊ, 14 अक्टूबर
उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव सूबे के सभी राजनैतिक दलों के बड़े नेताओं की अग्नि परीक्षा है। यह उपचुनाव वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कई रूझान भी देगा। उपचुनाव में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल से लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए भी अग्निपरीक्षा है। इतना ही नहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और प्रदेश के नए अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के लिए भी यह चुनाव काफी मायने रखता है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव भाजपा के लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह अब तक सभी 11 सीटों पर 3-3 बार जनसभा को संबोधित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो-दो बार चुनावी जनसभा को संबोधित कर चुके हैं। इसके अलावा सभी 11 सीटों पर मुख्यमंत्री योगी 15 अक्टूबर से तीन दिवसीय चुनाव प्रचार में फिर निकल रहे हैं।
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लखनऊ में बैठकर माया-अखिलेश लड़ रहे हैं उपचुनाव:
भाजपा के नेता भले ही इन 11 सीटों पर जीत के लिए पूरी कसरत कर रहे हैं, लेकिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती लखनऊ से ही ये चुनाव लड़ रहे हैं। अब तक किसी भी सीट पर चुनाव प्रचार के लिए दोनों नेता नहीं गए। खास बात यह है कि बसपा पहली बार उपचुनाव में हिस्सा ले रही है। बावजूद इसके मायावती उपचुनाव में प्रचार करने से परहेज कर रही हैं। शायद इन दोनों नेताओं के रणनीतिकार इन्हें चुनाव प्रचार करने से मना कर रखे हों।
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प्रियंका गांधी की प्रतिष्ठा से जुड़ा है उपचुनाव:
यह उपचुनाव कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और नए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की प्रतिष्ठा से जुड़ा है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रियंका गांधी के लिए यह दूसरा टेस्ट है। पार्टी ने वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी अराधना मिश्रा को विधानमंडल दल का नेता नियुक्त किया है। चूंकि प्रतापगढ़ अराधना मिश्रा का गृह जनपद है और यहां भी उपचुनाव हो रहा है तो इस सीट की हार जीत का संबंध सीधे तौर पर अराधना मिश्रा से जुड़ा है।
अनुप्रिया पटेल के लिए भी मायने रखता है उपचुनाव:
प्रतापगढ़ सदर से अपना दल (एस) एवं भाजपा का संयुक्त प्रत्याशी राजकुमार पाल चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में यह सीट अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की प्रतिष्ठा से जुड़ी है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पटेल कहते हैं कि हम पूरी तैयारी से चुनाव लड़ रहे हैं। हमारा प्रत्याशी जमीनी एवं सरल स्वभाव के हैं। राजकुमार पाल की जीत सुनिश्चित है।