यूपी80 न्यूज, लखनऊ
“उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण से 50 हजार संविदा कर्मियों की नौकरी चली जाएगी। इसके अलावा उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिलेगी।“ यह आरोप आम आदमी पार्टी मुख्य प्रदेश प्रवक्ता वंशराज दुबे ने लगाते हुए राज्य सरकार के बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव पर कड़ा विरोध जताया है।
वंशराज दुबे ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक तरफ राज्य सरकार जनता को सरकारी विभागों में कोई नई भर्ती नहीं दे रही है, दूसरी तरफ जो संविदा कर्मी पहले से ही काम कर रहे हैं, उनकी नौकरी भी छीन ली जा रही है। 50 हजार कर्मियों के बेरोजगार होने से उनके परिवारों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। यह सरकार की नाकामी का एक उदाहरण है, जो रोजगार सृजन के बजाय लोगों को बेरोजगार कर रही है।“
उन्होंने कहा, “यह सरकार जनता की भलाई की जगह निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने की सोच रही है। पहले से ही महंगी होती बिजली दरों का और बढ़ना प्रदेश के आम आदमी के लिए एक गंभीर संकट होगा।”
उन्होंने कहा, “बिजली का निजीकरण राज्य की जनता के लिए एक बड़ा आर्थिक बोझ बनेगा। निजी कंपनियां बिजली की दरों को बढ़ा सकती हैं, जिससे आम आदमी को महंगी बिजली का सामना करना पड़ेगा। पहले से ही महंगी बिजली की दरें और बढ़ने से गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों की परेशानियां और बढ़ जाएंगी। सरकार को बिजली के निजीकरण के फैसले को वापस लेना चाहिए।“
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