सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पुराने मित्र हैं जनवादी पार्टी के मुखिया डॉ.संजय चौहान
अशोक जायसवाल, मधुबन
मऊ जनपद की मधुबन अथवा घोसी विधान सभा सीट समाजवादी पार्टी अपने सहयोगी दल जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के खाते में डाल सकती है। जनवादी पार्टी की अति पिछड़ी जाति के अंतर्गत आने वाली नौनिया बिरादरी में अच्छी पकड़ है। चौहान व राजभर बहुल इस जिले में सपा अपने सहयोगी दलों को भी एक-एक सीट देने की तैयारी में है। यदि यह सीट जनवादी पार्टी के खाते में जाती है तो मधुबन के मौजूदा भाजपा विधायक एवं योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान के लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है और यदि घोसी सीट जनवादी पार्टी के खाते में जाती है तो वहां पर भाजपा विधायक विजय राजभर की मुश्किलें बढ़ सकती है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी का जनवादी पार्टी और महान दल से पहले से गठबंधन है। इस गठबंधन में अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) भी शामिल हो गई है। चूंकि जनवादी पार्टी और सुभासपा का गढ़ पूर्वांचल ही है और विधानसभा चुनाव में दोनों दलों को सीटें भी मिलेंगी। माना जा रहा है कि सुभासपा को बलिया की बांसडीह अथवा रसड़ा के अलावा बेल्थरा रोड व घोसी की सीट में मिल सकती है। इसके अलावा जनवादी पार्टी को मऊ की मधुबन अथवा घोसी विधानसभा सीट मिलने की संभावना है। इनके अलावा जनवादी पार्टी को अन्य जनपदों में भी सीटें दी जाएंगी।
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चूंकि यूपी फतह के लिए अखिलेश यादव अपने सहयोगियों को किसी भी कीमत में नाराज करने के मूड में नहीं हैं। आपसी सामंजस्य के तहत सहयोगी दलों को उनके वोट बैंक के अनुसार सीटें दी जाएंगी। पटेल बाहुल्य इस सीट पर 2017 में भी संजय चौहान ने कोशिश की थी।
बता दें कि जनवादी पार्टी के मुखिया डॉ.संजय चौहान सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पुराने साथी हैं। लोकसभा चुनाव में भी दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़े थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ.संजय चौहान को चंदौली से चुनाव लड़ाया था। हालांकि उस चुनाव में डॉ.संजय चौहान भाजपा प्रत्याशी डॉ.महेंद्र पांडेय से हार गए थे। लेकिन सपा और जनवादी पार्टी का गठबंधन जारी है। पिछले महीने जनवादी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ 18 दिवसीय जनवादी जनक्रांति रैली भी निकाली थी।
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