पंजाब Punjab-हरियाणा haryana के अलावा यूपी-उत्तराखंड के किसान farmers भी पहुंचे सिंधु बॉर्डर
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
यदि केंद्र सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर है तो उसे शर्तें लगाना बंद कर देना चाहिए । अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी AIKSCC) ने यह बात करते हुए कहा है कि किसान सगंठित ढंग से बुराड़ी जाएं, फिर हम अगले दिन वार्ता शुरू करेंगे, यह शर्त ठीक नहीं है।
एआईकेएससीसी AIKSCC ने मांग की है कि सरकार को तुरंत ही इस मामले में राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों व गृहमंत्रालय के जरिए वार्ता की पेशकश को बंद कर देना चाहिए। सरकार ने जोर जबरदस्ती से इन कानूनों को संसद में पारित किया है और किसान से यह उम्मीद करना ठीक नहीं है कि इसका समाधान राजनैतिक होगा। सरकार का गृह मंत्रालय को शामिल करने का प्रस्ताव किसानों के लिए एक धमकी के अलावा कुछ नहीं है।
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अविक साहा का कहना है कि किसान एकजुट हैं और एक सुर में केंद्र सरकार से तीन किसान विरोधी, जनविरोधी कानूनों एवं बिजली बिल 2020 की वापसी की मांग कर रहे हैं।
यूपी-उत्तराखंड के किसान भी पहुंचे सिंधु बार्डर:
कृषि कानून के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा के अलावा उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के किसान भी दिल्ली स्थित सिंधु बॉर्डर पहुंच गए हैं। पंजाब-हरियाणा के किसान दिल्ली स्थित टिकरी बॉर्डर पर भी एकत्रित हैं।
किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार अभी भी उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। किसानों को रोकने के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। रास्ते में किसानों को रोकने के लिए अनेक बाधाएं डाली जा रही हैं। पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले दागे गए, लाठीचार्ज किया गया और हाईवे खोद दिए गए। सरकार में पैदा हुए अविश्वास व भरोसे की कमी के लिए सरकार खुद भी जिम्मेदार है। किसानों के रास्ते में लगाए गए बैरिकेट अब भी नहीं हटाए गए हैं।
पढ़ते रहिए www.up80.online कृषि कानून: मांगें पूरी होने तक दिल्ली में डेरा डालेंगे किसान